उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालGarhwal DM IAS Ashish Chauhan health center inspection

Uttarakhand News: गढ़वाल डीएम ने रात को किया स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण, हालत देख CMO की कर दी रिपोर्ट तलब

उत्तराखंड में अस्पतालों में स्टाफ की कमी है तो कहीं कर्मचारियों की लापरवाही। DM आशीष चौहान ने गढ़वाल में स्वास्थ्य केन्द्र पर फैली असुविधाओं का जायजा लिया तो कुछ ऐसा सामने आया की CMO को तलब कर दिया गया..

DM IAS Ashish Chauhan: Garhwal DM IAS Ashish Chauhan health center inspection
Image: Garhwal DM IAS Ashish Chauhan health center inspection (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा की बहुत सी समस्याएं हैं, जिससे स्थानीय लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहाड़ों में किन्हीं क्षत्रों में अस्पताल गांव से मीलों दूर हैं, वहीं दूसरी तरफ जहां अस्पताल खोले गए हैं वहां सुविधाओं की कमी है। पौड़ी गढ़वाल जिले के डीएम आधी रात के समय सरकारी अस्पताल में निरीक्षण के लिए गए तो हॉस्पिटल की दुर्दशा देख कर हैरान-परेशान हो गए।

Garhwal DM IAS Ashish Chauhan health center inspection

जनपद पौडी गढ़वाल के सीमांत विकासखण्ड थलीसैंण में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया गया है। इस स्वास्थ्य केंद्र पर आसपास के एक दर्जन से भी अधिक गांवों के निवासी इलाज के लिए आते हैं। 30 सितंबर की रात को पौड़ी जिले के जिलाधिकारी आईएएस आशीष चौहान ने थलीसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निरीक्षण किया। अस्पताल की स्थिति को देखते हुए IAS चौहान को अनेक निराशाओं का सामना करना पड़ा।

लापरवाहियों का नमूना बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण

डीएम आशीष चौहान ने गढ़वाल में स्वास्थ्य केन्द्र पर फैली असुविधाओं का जायजा लिया तो कुछ ऐसा सामने आया की CMO को तलब कर दिया गया। निरिक्षण करने के बाद पौड़ी जिलाधिकारी (DM) आशीष चौहान ने कहा कि जब वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण (CHC) में निरीक्षण करने पहुंचे तो अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की बहुत बुरी हालत थी। हॉस्पिटल के सभी वार्ड रूम और चिकित्साधिकारी कक्ष बंद हो रखे थे। मरीजों के उपयोग में लाए गए इंजेक्शन और अन्य बायो मेडिकल वेस्ट कूड़ेदान में बेतरतीब ढंग से पड़ा हुआ था। हॉस्पिटल का 108 सेवा वाहन (एम्ब्युलेंस) गेट के ठीक सामने खड़ा किया गया था, लेकिन वहां पर कोई वाहन चालक या अन्य कोई भी कर्मचारी पर मौजूद नहीं था। हॉस्पिटल के जरुरी उपकरण और OPD रजिस्टर खुले छोड़े गए थे।

सरकारी संपत्ति और सुविधाओं का भारी दुरुपयोग

रात के समय में खुले अस्पताल में कोई भी सुरक्षा कर्मी या डॉक्टर तैनात नहीं था, हॉस्पिटल के जरुरी उपकरण, दवाइयां, दस्तावेज, सार्वजनिक व विभागीय परिसंपत्ति को बेतरतीब ढंग लावारिस की तरह खुला छोड़ा हुआ था। ऐसी स्थिति में हॉस्पिटल में चोरी होने या क्षति पहुंचाए जाने की पूरी आशंका है। जिलाधिकारी (DM) डॉ आशीष चौहान ने आगे बताया कि रात के समय में हॉस्पिटल का इस तरह बेतरतीब ढंग से खुला पड़ा रहना और हॉस्पिटल में किसी कर्मचारी और चिकित्साधिकारी का मौजूद न होना बहुत बड़ी लापरवाही है। लगभग एक दर्जन स्थानीय गावों के लिए इमरजेंसी इलाज की उम्मीद देने वाले इस अस्पताल में रात्रि के समय में किसी डॉक्टर का उपस्थित न रहना बहुत गंभीर और लापरवाही का विषय है। डीएम आशीष ने इसके बाद निर्देश दिए कि जिले के सभी अस्पतालों में रात्रि के समय में भी सुरक्षा कर्मी, वार्ड बॉय, फार्मासिस्ट और चिकित्साधिकारी की तैनाती अति अनिवार्य है। सम्बंधित CMO की रिपोर्ट तलब कर दी गई है।