देहरादून: छात्र संघ चुनावों में हो रही देरी और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के उल्लंघन पर छात्र संगठनों और शिक्षाविदों ने सवाल उठाए हैं। इसके बाद अब CM धामी ने भी उच्च शिक्षा सचिव को छात्र संघ चुनाव कराने हेतु तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
Student elections Soon, CM Dhami orders Education Secretary
भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। रविंद्र जुगरान ने मुख्यमंत्री से मुकालात के दौरान उन्हें प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों के महत्व और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के बारे में विस्तार से बताया। रविंद्र जुगरान ने CM धामी को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार लिंगदोह समिति की सिफारिशें देशभर में लागू हैं। देश के अन्य राज्यों में लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार छात्र संघ चुनाव समय पर कराए जाते हैं। लेकिन उत्तराखंड में छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया बाधित हो रही है। लिंगदोह समिति की सिफारिशों का सही तरीके से पालन न होना चिंताजनक है।
छात्र संघ चुनाव छात्रों का अधिकार
लिंगदोह समिति की सिफारिशों के तहत शैक्षणिक सत्र शुरू होने के लगभग 6 से 8 सप्ताह के भीतर ही छात्र संघ चुनाव आयोजित किए जाने चाहिए। लेकिन उत्तराखंड में अब तक न तो चुनाव हुए हैं और न ही इसके लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जुगरान ने CM धामी से कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, इस कैलेंडर में छात्र संघ चुनाव की तिथि भी निर्धारित की गई थी। लेकिन ये चुनाव की अंतिम तिथि कई बार बढ़ाई गई, लेकिन चुनावो को आयोजित करने को लेकर अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने आगे बताया कि छात्र संघ चुनाव छात्रों का अधिकार है और इन चुनावों का आयोजन समय पर करना अत्यंत आवश्यक है। अब देखना होगा कि उच्च शिक्षा विभाग किस प्रकार और कितनी जल्दी इस दिशा में कदम उठाता है।
मुख्यमंत्री धामी ने सुनी जुगरान की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेता रविंद्र जुगरान की सारी बात सुनने के बाद उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा की राज्य के विश्वविद्यालयों में जल्द ही छात्र संघ चुनाव आयोजित कराए जाएंगे। इस सम्बन्ध में CM धामी ने राज्य के उच्च शिक्षा सचिव को तुरंत आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इस सम्बन्ध में आज शुक्रवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर दीवान रावत ने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय का आदेश विश्वविद्यालय के लिए बाध्यकारी सिद्ध हो रहा है। विश्वविद्यालय उच्च न्यायालय एवं शासन से निर्गत दिशा-निर्देशो के क्रम में अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।