उत्तराखंड हल्द्वानी25k people have no drinking water from 10 days in Haldwani

Haldwani: क्षेत्र की एकमात्र ट्यूबवेल भी पड़ी खराब, 10 दिनों से पीने के पानी को तरस गए 25 हजार लोग

हल्द्वानी के भगवानपुर जयसिंह क्षेत्र की करीब 25 हजार से अधिक की आबादी पिछले 10 दिनों से पेयजल के लिए तरस रही है। क्षेत्र में पेयजल का एकमात्र साधन ट्यूबवेल खराब हो गया, जिस कारण पूरे क्षेत्र में पिछले 10 दिनों पानी आना बंद हो गया है।

Shortage of drinking water: 25k people have no drinking water from 10 days in Haldwani
Image: 25k people have no drinking water from 10 days in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: सरकार द्वारा एक ओर जहां हर-घर पेय जल की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर हल्द्वानी शहर के भगवानपुर जयसिंह क्षेत्र की करीब 25 हजार से अधिक की आबादी पिछले 10 दिनों से पेयजल के लिए तरस रही है। क्षेत्र में पेयजल का एकमात्र साधन ट्यूबवेल खराब हो गया, जिस कारण से पूरे क्षेत्र में पिछले 10 दिनों पानी आना बंद हो गया है। क्षेत्र के लिए पीने योग्य पानी के बूँद -बूँद के लिए तरस रहे हैं।

25k people have no drinking water from 10 days in Haldwani

कालाढूंगी रोड स्थित भगवानपुर जयसिंह नगर निगम के वार्ड-41 का हिस्सा है। एक छोटे नगर से महानगर के रूप में बदलने पर भी हल्द्वानी में रोजमर्रा की आवश्य सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया है। ग्रामीण क्षेत्रों को निगम में शामिल करने के बाद भी अभी तक लोगों तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं।

सामान्य आदमी की पहुंच बाहर पानी

भगवानपुर जयसिंह क्षेत्र में जब जल संस्थान से पेय जल का टैंकर नहीं आया, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वहां के लोग पेय जल पैसों से खरीद रहे हैं। क्षेत्र के स्थानीय लोगों को पेयजल जल के लिए मजबूरन आठ सौ रुपये देकर निजी टैंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है। हर दूसरे दिन पीने के पानी के लिए 800 रूपये देना एक सामान्य परिवार के जेब के सामर्थ्य के बाहर है। पानी के हजारों रूपये बिल के साथ अब पानी खरीदना लोगों के ऊपर अतिरिक्त बोझ बन गया है। पेय जल के लिए तरस रहे भगवानपुर जयसिंह क्षेत्र के लोगों में विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।

चल रही तकनीकी जांच: अधिशासी अभियंता

जल संस्थान ने एक बार ट्यूबवेल की मोटर बदली थी। इसके बाद भी इसका संचालन शुरू नहीं हो सका। इसके बाद अब जल संस्थान विभाग इसके लिए अन्य विकल्प तैयार करने की योजना बना रहा है। जल संस्थान के रविशंकर लोशाली ने बताया कि मोटर बदल दिए जाने के बाद भी पानी के साथ सिल्ट आने से ट्यूबवेल का संचालन प्रभावित हो रहा है। अब इसके लिए तकनीकी जांच की जा रही है, जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।