उत्तराखंड उत्तरकाशीSunil Rawat of Uttarkashi Becomes CA

उत्तरकाशी: किसान के बेटे ने असफलताओं से नहीं मानी हार, CA बने मोरी ब्लॉक के सुनील रावत

उत्तरकाशी के सुनील रावत ने CA की परीक्षा उतीर्ण कर अपने परिजनों का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि से उनके परिजनों में ख़ुशी का माहौल बना हुआ है। सुनील को दो बार CA की परीक्षा में असफलता मिली और तीसरी बार में सफलता मिली।

Sunil Rawat Becomes CA: Sunil Rawat of Uttarkashi Becomes CA
Image: Sunil Rawat of Uttarkashi Becomes CA (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के धात्मीर गांव के मूल निवासी सुनील रावत ने CA बनकर परिजनों का मान बढ़ाया। सुनील रावत ने वर्ष 2016 में दिल्ली के DU से ग्रेजुएशन कम्प्लीट की, उसके बाद वे 2020 तक दिल्ली में ही रहे। उसके बाद 2021 में 3 साल के लिए वे गुड़गांव ट्रेनिंग करने के लिए गए, उसके बाद से वे अब तक गुड़गांव में ही रहते हैं।

Sunil Rawat of Uttarkashi Becomes CA

सुनील रावत ने बताया कि उन्होंने अपनी स्कूलिंग JNV ढूंगीर पुरोला उत्तरकाशी से 86% के साथ कॉमर्स स्ट्रीम से पूरी की। स्कूल पूरी करने के बाद सुनील ने वर्ष 2016 से 2019 तक(नॉर्थ कैंपस) दिल्ली यूनिवर्सिटी से रेगुलर ग्रेजुएशन पूरी की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली में ही CA की कोचिंग शुरू की, सुनील ने CA का एंट्रेंस एग्जाम पहले ही अटेम्प्ट में पास किया। नवम्बर 2020 में सुनील ने इंटर फर्स्ट अटेम्प्ट उत्तीर्ण करने के बाद मार्च 2021 से 2024 तक BDO India LLP से 3 साल की ट्रेनिंग पूरी की।

दो बार रहे असफल

सुनील इस इसी बीच नवंबर 2023 में CA फाइनल के एग्जाम दिए जिसमें वे असफल रहे उसके बाद उन्होंने दोबारा 2024 में CA फाइनल के एग्जाम दिए जिसमें वे फिर से असफल रहे। दो बार असफलता मिलने के बाद भी सुनील ने हार नहीं मानी और तीसरी बार में उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए जॉब छोड़ दी और जी तोड़ मेहनत कर नवंबर 2024 में परीक्षा दी. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और सुनील परीक्षा कर CA बन गए ।

किसान हैं पिता

सुनील के पिता जबर सिंह रावत किसान हैं और सुनील की माता उजली देवी शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। सुनील की गणित विषय अच्छी रूचि होने के कारण उनके माता-पिता ने उनको CA बनने के लिए प्रोत्साहित किया। सुनील बताते हैं कि उनका CA बनने का सपना कुछ इस कदर था कि वे इसकी तैयारी के कारण तीन चार साल मे एक बार ही घर जा पाते थे। सुनील ने बताया कि उनका पढ़ाई करने का एक मंत्र था "जो भी पढ़ना है टारगेट बनाकर पढ़े अगर आज एक चैप्टर पूरा करना है तो उसे सुबह से लेकर चाहे रात क्यों ना हो जाए उसे पूरा करना है" जिससे उनका मोटिवेशन अधिक बढ़ जाता था और सब्जेक्ट में पकड़ आ जाती थी।