उत्तराखंड देहरादूनHealth department ready to deal with HMPV in Uttarakhand

उत्तराखंड: HMPV से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग, संक्रमण से बचाएंगी ये 10 छोटी आदतें

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाईयों और चिकित्सा उपकरणों का सुनिश्चित किए जाने के निर्देश जारी हैं। जिससे मरीजों को...

HMPV in Uttarakhand: Health department ready to deal with HMPV in Uttarakhand
Image: Health department ready to deal with HMPV in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: चीन में फैले HMPV संक्रमण (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) ने भारत में भी दस्तक दे दी है। ऐसे में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उत्तराखंड में सभी जिलों को स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिसमें वायरस के लक्षणों, पहचान, और रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी शामिल हैं । ऐसे वायरस का प्रसार आमतौर पर श्वसन संबंधी समस्याओं के माध्यम से होता है, इसलिए लोगों को सावधानी बरतने, साफ-सफाई रखने और चिकित्सा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।

Health department ready to deal with HMPV in Uttarakhand

उत्तराखंड स्वास्थ्य निदेशालय ने HMPV संक्रमण के मामलों को देखते हुए सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने अस्पतालों में संक्रमित रोगियों के लिए आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी जनपदों के जिलाधिकारी (DM) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के रोगियों के लिए आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, उत्तराखंड में HMPV के कोई मामले अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं, लेकिन विभाग कोरोना महामारी से मिले सबक के आधार पर HMPV संक्रमण के रोकथाम में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता।

अस्पतालों में तैनात होंगे डॉक्टर और नर्स

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाईयों और चिकित्सा उपकरणों का सुनिश्चित किए जाने के निर्देश जारी हैं। जिससे मरीजों को बेहतर और त्वरित उपचार मिल पाएगा। इसके अलवा अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि मरीजों को आवश्यक देखभाल समय पर मिल सके। इन सुविधाओं के उपलब्धि से इन्फ्लूएंजा, सर्दी-खांसी, बुखार और निमोनिया जैसे रोगों से प्रभावित मरीजों की सघन निगरानी से समय पर उपचार और रोकथाम के उपाय किए जा सकेंगे.

`दस छोटी लेकिन जरूरी बातें-

1. किसी बीमारी से ग्रसित लोगों से अतिरिक्त सावधानी बरतें।
2. छींकते और खांसते समय नाक और मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से ढकें।
3. भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें।
4. साबुन और पानी से हाथों को नियमित रूप से धोएं और हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
5. सर्दी, जुकाम, या बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
6. यदि आपको वायरस के लक्षण महसूस होते हैं, तो अन्य लोगों से दूरी बना कर रखें।
7. सार्वजनिक स्थान पर हों या संक्रमित लोगों के संपर्क में आने की संभावना हो, तो मास्क पहनें।
8. बार-बार आंख, नाक, व मुंह को छूने से बचें।
9. बिना डॉक्टरों के परामर्श से कोई दवा का इस्तेमाल न करें।
10. टिश्यू पेपर व रुमाल का दोबारा उपयोग न करें।