उत्तराखंड देहरादूनMunicipal elections 3 days time for BJP rebels

उत्तराखंड निकाय चुनाव: BJP की बागियों को 3 दिन की मोहलत, इन्हें सौंपी मनाने की जिम्मेदारी

बीजेपी अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ अभी भी जो लोग पार्टी के कार्यकर्ता मैदान में हैं उनको पार्टी ने अभी 3 दिन का और समय दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देशों पर 8 जनवरी की शाम तक BJP ले लोग 3 दिन और प्रतीक्षा करेंगे।

Uttarakhand Municipal elections: Municipal elections 3 days time for BJP rebels
Image: Municipal elections 3 days time for BJP rebels (Source: Social Media)

देहरादून: निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी बनकर उतरे नाम वापस नहीं लेने वाले अपने कार्यकर्ताओं को तीन दिन की मोहलत और दी है। बागियों के पार्टी में पूर्व में दिए उनके योगदान को देखते हुए भाजपा ने मनाने के लिए तीन दिन का समय दिया है। इसके लिए पूर्व सीएम, सांसदों, विधायकों पदाधिकारियों को उनसे विमर्श की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Municipal elections 3 days time for BJP rebels

प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ अभी भी जो लोग पार्टी के कार्यकर्ता मैदान में हैं उनको पार्टी ने अभी 3 दिन का और समय दिया है। इस तरह प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देशों पर 8 जनवरी की शाम तक हम प्रतीक्षा करेंगे। सभी निकायों के लिए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, सरकार में दायित्वधारी और विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। ये सभी प्रयास करेंगे कि 8 तारीख तक निकाय चुनाव में नाम वापिस नहीं लेने वाले कार्यकर्ता, पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में अपने समर्थन की घोषणा करें।

अनुशासनहीनता की होगी कार्यवाही

कोठारी ने स्पष्ट किया कि अब तक जितने भी नाम सामने आएं हैं, उनमें मानने वालों को छोड़कर शेष के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जाएगी। ऐसे लोगों में बहुत से लोग हैं जो कई दशकों से पार्टी के साथ काम कर रहे हैं, लंबे समय उन्होंने अच्छा काम किया है। उन्हें समझाने और पुनर्विचार करने का एक और अवसर दिया जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनको यह अतिरिक्त समय दिया गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं का सम्मान करने वाली पार्टी है, लिहाजा उन्हें समझाकर वापस लाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। लिहाजा पार्टी नेतृत्व, अनुशासनात्मक कार्यवाही को अंतिम विकल्प के रूप में अपनाना चाहता है।