उत्तराखंड देहरादूनRetired soldier cheated of 95 lakhs

उत्तराखंड: रिटायर सैनिक से जॉब लगाने के नाम पर 95 लाख की ठगी, 7 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज

आरोपी ने पीड़ित को बताया था कि वह एक वरिष्ठ IAS अधिकारी के साथ कार्यरत हैं और पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उसके निवास पर आते-जाते रहते हैं। यूपी के पर्यटन विभाग में नियुक्तियों के लिए राज्य सरकार ने उसे मनोनीत किया है।

Fraud of 95 lakhs: Retired soldier cheated of 95 lakhs
Image: Retired soldier cheated of 95 lakhs (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून में एक सेवानिवृत्त सैनिक के साथ 95 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है, जिसमें राज्य के प्रमुख नेताओं के नाम का उपयोग किया गया। इस साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए रिटायर्ड फौजी ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक से शिकायत की, जिसके बाद देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में 7 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

Retired soldier cheated of 95 lakhs

पीड़ित ने पुलिस महानिदेशक को अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने भारतीय सेना में 24 वर्षों तक सेवा की और वर्ष 2020 में रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद उन्हें नौकरी की तलाश थी, जिसके लिए उन्होंने अपने जानकार राहुल सैनी से संपर्क किया। राहुल ने उन्हें अंकित रावत, पूजा चमोली और सत्यम शर्मा नाम के तीन लोगों से मिलवाया। आरोपी अंकित रावत ने पीड़ित को बताया था कि वह एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के साथ कार्यरत है और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उसके निवास पर आते-जाते रहते हैं। उसने पीड़ित को मसूरी रोड पर अपने घर बुलाया, जहां पहले से ही तीन लोग उपस्थित थे। उनके अलावा वहां पर एक अमर सिंह नामक एक सुरक्षा गार्ड भी तैनात था, जिसने पीड़ित का फोन और अन्य सामान अपने पास रख लिया और उन्हें अंकित से मिलने के लिए कमरे के अंदर भेज दिया।

यूपी के पर्यटन विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा

अंकित ने बताया कि केंद्र सरकार ने उसे सुरक्षा प्रदान की है। यूपी सरकार के पर्यटन विभाग और उत्तराखंड सरकार के पशुपालन एवं पर्यटन विभाग में नियुक्तियों के लिए राज्य सरकारों ने उसे मनोनीत किया है। उसने बताया कि वो उसे भी यूपी के पर्यटन विभाग में नौकरी दिलाने में भी मदद कर सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ पैसे लगेंगे। उसके बाद पीड़ित, आरोपी अंकित की बातों में आ गया, और फिर 23 मार्च 2020 को पीड़ित ने अंकित को 55 हजार रुपए, 24 मार्च को 90 हजार रुपए और 25 मार्च को 40 हजार रुपए दिए, जिससे कुल मिलाकर 1 लाख 85 हजार रुपए हो गए। उस समय कोविड का दौर चल रहा था, तब अंकित रावत ने पीड़ित से कहा कि कुछ दिनों तक नौकरी नहीं मिल पाएगी। इस पर पीड़ित फौजी भी चुप हो गए।

7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

उसके बाद अंकित रावत ने एक बार फिर से पीड़ित रिटायर्ड फौजी को फोन किया और अपने घर बुलाकर कहा कि उसे एक बहुत बड़ी नौकरी मिल रही है, जिसके लिए 1 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके परिणामस्वरूप, पीड़ित ने उसे 50 लाख रुपये दे दिए। उसके बाद फौजी ने कुछ पैसे 10-10 लाख करके दिए. अंकित रावत ने उन्हें विश्वास दिलाने के लिए 19 सितंबर 2020 को नौकरी से संबंधित एक अप्वाइंटमेंट लेटर प्रदान किया, लेकिन उसने आज तक कोई नौकरी नहीं दिलाई। इस प्रकार, अंकित ने रिटायर्ड फौजी से कुल 95 लाख रुपये की ठगी की। उसके बाद जब पीड़ित को उनपर शक हुआ तो आरोपियों ने पैसे और नौकरी देने से मना कर दिया और पीड़ित को डराने धमकाने लगे. पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है, पुलिस ने 7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.