देहरादून: शनिवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के तहत एथलेटिक्स इवेंट की मेडल सेरेमनी में एक अनोखा बदलाव देखने को मिला। शनिवार को मेडल सेरेमनरी में हर दिन की तरह कोई व्यक्ति मेडल लेकर नहीं आया। बल्कि मेडल सेरेमनी में मौली रोबोट विजेता एथलेटिक्स के लिए मेडल लेकर आया।
Special Molly Robot in Uttarakhand National Games
शनिवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित एथलेटिक्स इवेंट की मेडल सेरेमनी में जब सभी लोग मेडल वितरण के लिए मेडल लाने वाली युवती का इंतजार कर रहे थे, तभी रिमोट कंट्रोलर की मदद से मौली रोबोट सक्रिय हो गया। इसके बाद, रिमोट कंट्रोलर की कमांड से मौली रोबोट एक ट्रे में मेडल लेकर विजेताओं के पास पहुंचा। इसके बाद, खेल में उपस्थित विशेष अतिथियों ने मेडल उठाकर विजेताओं को पहनाए। उत्तराखंड ने शनिवार को राष्ट्रीय खेलों में रोबोटिक तकनीक का उपयोग किया। एथलेटिक्स इवेंट के अलावा अन्य खेलों की मेडल सेरेमनी पारंपरिक तरीके से आयोजित की गई। अन्य खेलों की मेडल सेरेमनी में विजेताओं के लिए मेडल लाने का कार्य युवतियों ने किया। राष्ट्रीय खेलों में एथलेटिक्स के लगभग 40 इवेंट आयोजित किए जाने हैं।
अन्य रोबोट ने भी किया सहयोग
उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम ने मौली रोबोट के विचार पर एक निजी कंपनी डीटाउन रोबोटिक्स के साथ सहयोग किया। इस प्रोजेक्ट पर ड्रोन टीम के सदस्य विपिन कुमार, दीपांकर बिष्ट, प्रशांत चंद्र, दीपक बिष्ट, अभिषेक कुमार और प्रज्ज्वल रावत ने लगभग डेढ़ महीने तक काम किया। मेडल समारोह में मौली रोबोट ने अपनी भूमिका निभाई, वहीं डिस्कस इवेंट में एक अन्य रोबोट ने भी सहायता प्रदान की। ओलंपियन मनीष रावत ने बताया कि उन्होंने मेडल समारोह में रोबोट का उपयोग पहली बार देखा।
ड्रोन टीम ने की डेढ़ महीने मेहनत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि राष्ट्रीय खेलों में तकनीकी पहल भी होनी चाहिए। इसलिए, रोबोटिक तकनीक की मदद लेकर यह प्रयोग किया गया। उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम ने मौली रोबोट के विकास के लिए प्राइवेट फर्म डीटाउन रोबोटिक्स के साथ सहयोग किया। इस प्रोजेक्ट पर ड्रोन टीम के सदस्यों विपिन कुमार, दीपक बिष्ट, प्रशांत चंद्र, अभिषेक कुमार, दीपांकर बिष्ट, और प्रज्ज्वल रावत ने लगभग डेढ़ महीने तक मेहनत की।
तकनीकी पहलें अब राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ-साथ कई नई पहलों का भी देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। तकनीकी पहलें अब राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बन गई हैं। हमारी प्राथमिकता यह है कि नई तकनीक का समुचित उपयोग करते हुए खेलों के विकास के लिए प्रयास किए जाएं।