उत्तराखंड रुड़की470 patients of Hepatitis-C in Roorkee Civil Hospital

उत्तराखंड के इस गांव में तेजी से फैल रहा हेपेटाइटिस-सी, 470 मरीज अस्पताल में भर्ती.. सावधान रहिए

उत्तराखंड के गाढारोणा गांव में काला पीलिया यानी कि हेपेटाइटिस-सी खतरनाक तरीके से अपने पैर पसार रहा है। अस्पताल में पिछले 3 महीने में 470 मरीजों को इस बीमारी के सिम्टम्स देखते हुए अस्पताल में भर्ती किया गया है।

Patients of Hepatitis-C: 470 patients of Hepatitis-C in Roorkee Civil Hospital
Image: 470 patients of Hepatitis-C in Roorkee Civil Hospital (Source: Social Media)

रुड़की: हरिद्वार के रुड़की सिविल अस्पताल में काला पीलिया यानी हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। डॉक्टर्स बताते हैं, कि हेपेटाइटिस सी ऐसी बीमारी है जिसका समय पर इलाज न होने के कारण मरीज का बच पाना बेहद मुश्किल होता है। मीडिया में भी रुड़की के आस पास के गांवों में हेपेटाइटिस सी के मरीजों को लेकर रिपोर्ट्स लगातार छापी जा रही हैं।

470 patients of Hepatitis-C in Roorkee Civil Hospital

उत्तराखंड के रुड़की गाढारोणा गांव में काला पीलिया यानी कि हेपेटाइटिस-सी खतरनाक तरीके से अपने पैर पसार रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इकलौते गाढारोणा गांव से ही 45 और पिछले 3 महीने में आस पास के 470 मरीजों को इस बीमारी के सिम्टम्स देखते हुए अस्पताल में भर्ती किया गया है। डॉक्टर का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों में हेपेटाइटिस सी की दवाइयां काफी महंगी दी जाती हैं जिस कारण क्षेत्र में बीमारी के लक्षण दिखने पर लोग रुड़की सिविल अस्पताल में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।

लिवर डेमेज करता है हेपेटाइटिस-सी

पिछले 3 महीने में हेपेटाइटिस सी के 470 मरीज अस्पताल पहुँचने के बाद रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल ने इस बारे में लोगों को आगाह करते हुए और जानकारी देते हुए अपील की कि लोग आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों के पास बिलकुल न जाएं। उन्होंने बताया कि रुड़की के बॉर्डर के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगह से भी कई लोग इस वक्त उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंच रहे हैं।

समय पर इलाज जरूरी

समय पर यदि दवाइयां न खाई जायें तो इससे लिवर खराब होने का लगातार खतरा बढ़ता जाता है। कुछ समय बाद बीमारी इस कदर फैल जाती है कि उसका इलाज किया जाना संभव नहीं रहता।

इस कारण फैलता है इन्फेक्शन

डॉक्टर संजय कंसल ने बताया कि यह इन्फेक्शन एक दूसरे का जूठा खाने के कारण नहीं फैलता बल्कि इसका इन्फेक्शन इंजेक्शन की सिरिंज आदि से हो सकता है। हेपेटाइटिस-सी या काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रांसफ्यूजन होता है। डॉ कंसल ने बताया कि अस्पताल आने के बाद सबसे पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा उसके बाद डॉक्टर द्वारा सही तरीके से चेक करने के बाद 3 महीने का कोर्स दिया जाएगा।
राज्य समीक्षा की भी सभी पाठकों से अपील है कि कृपया जागरूक रहें, घबराएं नहीं और बिना पैनिक किये अपने आसपास भी लोगों को इस बीमारी से जागरूक करने की कोशिश करें।