उत्तराखंड रुद्रप्रयागBan on ten-storey Gurdwara built in Rudraprayag

Uttarakhand News: रुद्रप्रयाग में बन रहे दस मंजिला गुरद्वारे के निर्माण पर लगी रोक, संचालक को कड़ी चेतावनी

रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ रोड पर अलकनंदा नदी के किनारे एक दस मंजिला भवन बन रहा था। आसपास के लोगों ने मीडिया को बताया तो पता लगा कि नियमों को ताक पर रखकर जो दस मंजिला भवन नहीं, असल में गुरुद्वारा बनाया जा रहा है। निर्माण रुकवा दिया गया है।

10 Story Gurudwara: Ban on ten-storey Gurdwara built in Rudraprayag
Image: Ban on ten-storey Gurdwara built in Rudraprayag (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ हाईवे पर सुमेरपुर के पास बन रहे दस मंजिला भवन निर्माण की खबर पिछले दिनों चर्चा में थी। पहाड़ में रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ रोड पर अलकनंदा नदी के किनारे एक दस मंजिला भवन बन रहा था। आसपास के लोगों ने मीडिया को बताया तो पता लगा कि नियमों को ताक पर रखकर जो दस मंजिला भवन नहीं, असल में गुरुद्वारा बनाया जा रहा है।

Ban on ten-storey Gurdwara built in Rudraprayag

रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्माण रुकवा दिया गया है। अपडेट है कि जिला प्रशासन ने दस मंजिला भवन के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं यहां लगने वाले रेत को भी चोरी छुपे अलकनंदा नदी से अवैध रूप से निकालकर बिल्डिंग बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा था। जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण ने भवन निर्माण के कार्य पर रोक लगाते हुए संचालक को कड़ी चेतावनी दी है।

नदी की रेत से बन गयी 10 मंजिला इमारत, नींद में प्रशासन

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन शायद गहरी नींद में है, रुद्रप्रयाग जिला कार्यालय से नजदीक पर ही, निर्माण के नाम पर नियम कानूनों की धज्जियां उडाई जा रही हैं और प्रशासन को कुछ नहीं पता। अलकनंदा नदी की रेत से, नदी के ही किनारे दस मंजिला भवन खड़ा हो जाता है और किसी को ये ही नहीं पता ये बन क्या रहा है और इसे कौन बना रहा है। नदियों के 200 मीटर की परिधि तक किसी भी निर्माण कार्य की अनुमति नहीं है तो फिर यह निर्माण कार्य कैसे हो गया।

बनाया जा रहा भवन गुरुद्वारा: रिपोर्ट्स

उत्तराखंड में भू-कानून क्यूँ जरूरी है, आप इस खबर से समझ सकते हैं। आपको बता दें कि यहां नियमों को ताक पर रखकर जो दस मंजिला भवन बनाया जा रहा था, उसे गुरुद्वारा बताया जा रहा है। यहां लगने वाले रेत को भी चोरी छुपे अलकनंदा नदी से अवैध रूप से निकालकर बिल्डिंग बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा था। अब मीडिया में मुद्दा उजागर होने के बाद जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण ने भवन निर्माण के कार्य पर रोक लगाते हुए संचालक को कड़ी चेतावनी दी है।