चमोली: थराली में निर्माणाधीन वैली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के मामले में शासन ने 24 घंटे के भीतर ही सख्त कार्रवाई की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने लोक निर्माण विभाग के चार इंजीनियर्स को निलंबित कर दिया गया है।
CM Dhami takes action on 4 engineers in tharali bridge break
चमोली जिले के विकासखंड थराली के रतगांव में निर्माणाधीन 60 मीटर लंबा वैली ब्रिज बीते बुधवार को अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तीनों अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने थराली में निर्माणाधीन पुल के टूटने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। इस मामले में लोक निर्माण विभाग के 4 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित किए गए अभियंताओं में थराली के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता, कर्णप्रयाग लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता नवीन लाल, और थराली के लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता आकाश हुंडिया शामिल हैं। प्रमुख अभियंता राजेश चंद्र शर्मा ने प्रकरण में ही निर्माण खंड थराली के जेई मयंक को भी निलंबित किया है।
दो बार आपदा में बह चुका है पुल
दरअसल, जनपद चमोली के डुंग्री-रतगांव मोटर मार्ग पर स्थित मोटर पुल वर्ष 2013 में अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ में बह गया था। इसके बाद, वर्ष 2015-16 में वैली ब्रिज का निर्माण किया गया था, जो वर्ष 2018 में आई दैवीय आपदा में बह गया था। उस समय ढाढरबगड़ में कई दुकानें, आवासीय भवन और वाहन बह गए थे। ऐसे में के यहां स्थानीय निवासियों का आवाजाही करना कठिन हो जाता है। बरसात के मौसम में तो ग्रामीणों की कठिनाई और अधिक बढ़ जाती है। इस दौरान ग्रामीण 25 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर जंगल के रास्ते से विकासखंड और तहसील मुख्यालय पहुंच पाते हैं।
दो महीने से चल रहा था निर्माण कार्य
रतगांव के निवासी लगातार यहां पर मोटर पुल या वैलीब्रिज का निर्माण करने की की मांग करते आ रहे थे। ग्रामीणों की मांग पर शासन ने साल 2024 में यहां 60 मीटर लम्बा वैलीब्रिज बनाने की स्वीकृति दी थी। बीते दो महीने से लोनिवि द्वारा 60 मीटर स्पान के इस पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा था। इस पुल निर्माण की लागत लगभग दो करोड़ अस्सी लाख रूपये बताई जा रही है। लेकिन बीते मंगलवार को पुल पर लगे सपोर्ट और बर्थ को हटाते ही अचानक पुल बीचों बीच नदी में जा समा गया। लोनिवि के ठेकेदार और विभाग की इस लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश उत्त्पन्न हो गया है, उनका कहना है कि विभाग के अनुभवहीन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है।