उत्तराखंड uttarakhand under 19 team select proccess

सवालों के घेरे में उत्तराखंड की अंडर-19 रणजी टीम, टीम में कई खिलाड़ी ओवरएज!

बीसीसीआई से मान्यता के बाद उत्तराखंड की पहली अंडर 19 टीम बनी थी। लेकिन अब इस टीम में सलेक्शन पर ही सवाल उठने लगे हैं। आप भी पढ़िए ये खबर

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Image: uttarakhand under 19 team select proccess (Source: Social Media)

: उत्तराखंड की अंडर-19 बालक टीम के चयन की लिस्ट सामने आने के साथ ही बवाल खड़ा हो गया है। लिस्ट में ओवरएज के खिलाड़ियों को जगह मिलने से फाइनल ट्रायल सवालों के घेरे में है। इसके साथ ही टीम में बाहरी खिलाड़ियों को शामिल किए जाने से चयन प्रक्रिया भी सवालों में घिरती नजर आ रही है। नई टीम की लिस्ट जारी होने के बाद खिलाड़ियों ने टीम के समन्वयक और चयनकर्ताओं के सामने विरोध जताया है। तनुष क्रिकेट ऐकेडमी में अंडर-19 बालक टीम के फाइनल ट्रायल हुए। इनमें दो खिलाड़ी ऐसे भी पहुंचे, जिनका नाम पहली सूची में नहीं था, लेकिन ऊंची सिफारिश के चलते उन्हें एंट्री दे दी गई। बताया जा रहा है कि दो दिन तक खिलाड़ी शॉर्टलिस्ट नहीं होने के बाद चयनकर्ताओं ने 40 खिलाड़ी फाइनल ट्रायल के लिए चुने।

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कुछ खिलाड़ियों का आरोप था कि चुने गए खिलाड़ियों में कुछ ओवर-एज खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया है। जिसका पता स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की साइट से लगाया जा सकता है। साथ ही, कुछ ऐसे खिलाड़ियों को शामिल किया गया जो दूसरे प्रदेशों के हैं। मिली जानकारी के मुताबिक खिलाड़ियों ने उत्तराखंड क्रिकेट कंसेंसस कमेटी के संयोजक प्रो. रत्नाकर शेट्टी को भी मेल कर इसकी शिकायत की है। अंडर-19 बालक वर्ग के फाइनल ट्रायल में स्टेंडबाय खिलाड़ियों का ट्रायल कराने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने रुद्रपुर से तीन, काशीपुर से दो और देहरादून से 13 स्टेंडबाय खिलाड़ी चुने थे। जिन दो खिलाड़ियों को सिफारिश के दम पर अंडर-19 टीम शामिल किया था, हंगामा मचने के बाद उन्हें हटा लिया गया है।

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फाइनल ट्रायल के लिए 100 खिलाड़ियों को चुनने की घोषणा की गई थी। मगर देहरादून में फाइनल ट्रायल में स्टैंडबाय खिलाडिय़ों को भी मैदान में उतार दिया गया। हालाकि अंडर-19 बालक टीम के समन्वयक दिव्य नौटियाल ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि ट्रायल में पूरी पारदर्शिता बरतने की कोशिश की गई हैं। खिलाड़ियों के प्रमाण पत्रों की जांच करने की जिम्मेदारी दूसरी एसोसिएशन के ऑफिशियल्स की थी। खिलाड़ियों की शिकायत पर यूसीसीसी के संयोजक से दोबारा किसी प्रोफेशनल व्यक्ति से प्रमाणपत्रों की जांच कराने का आग्रह किया है। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड की पहली क्रिकेट टीम अभी बनी नहीं और बवाल पहले से ही शुरु हो गया।