उत्तराखंड बागेश्वरlisa plant starts in bagheswar

उत्तराखंड इनवेस्टर समिट का असर! पहाड़ में लीसा प्लांट शुरू...500 लोगों को रोजगार

उत्तराखंड इनवेस्टर्स समिट के बाद पहली अच्छी खबर सामने आई है। पहाड़ में लीसा प्लांट शुरू हो गया है और 500 से ज्यादा लोगों को इससे रोजगार मिलेगा।

bagheshwar: lisa plant starts in bagheswar
Image: lisa plant starts in bagheswar (Source: Social Media)

बागेश्वर: हाल ही में देहरादून में इनवेस्टर्स समिट आयोजित की गई थी। देश विदेश से आए कई निवेशकों ने इसमें निवेश किया था और इसका असर दिखने लगा है। बागेश्वर जिले के गरूड के गांव छटिया डंगोली में 4.3 करोड रुपये के शुरूआती निवेश से लीसा प्लांट शुरू हो गया है। रिद्धि-सिद्धि मैसर्स ने ये लीसा प्लांट शुरू किया है। लक्ष्य तय किया गया है कि इस प्लांट में 2022 तक 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जाएगा। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांव में इस आदुनिक अल्ट्रा मॉडर्न प्लांट का शुभारम्भ किया। ये सिर्फ शुरुआत है उत्तराखंड के अलग अलग गांव, जहां लीसा प्रचुर मात्रा में है वहां के लिए भी इस तरह की प्लानिंग की गई है। बागेश्वर की जिलाधिकारी रंजना ने इस बारे में कुछ खास बातें बताई हैं, आप भी जानिए।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - दुनियाभर को जीने के लिए ऑक्सीजन दी, अब इसकी कीमत मांगेगा उत्तराखंड !
जिलाधिकारी रंजना ने बताया कि ये लीसा प्लांट काफी बडा है। इसमें रेजिन और उससे कई तरह के सह उत्पाद तैयार होंगे। इनमें पाइन ऑयल, फिनाइल, इत्र जैसे 20 से 22 तरह के अलग अलग उत्पाद तैयार किए जाएंगे। उनके मुताबिक कंपनी बाद में प्लांट में निवेश को बढाकर आठ से नौ करोड रुपये तक ले जायेगी। सरकार की पहल है कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए ऐसे ही लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस वक्त पहाड़ में सबसे बड़ी जरूरत रोजगार की है। बेरोजगारी की मार की वजह से पहाड़ खाली हो गए हैं, गांव के गांव सूने हो गए हैं। ऐसे में रिवर्स पलायन और इनवेस्टर्स समिट के जरिए सरकार इसकी भरपाई करने में जुटी है। फोकस किया जा रहा है कि खाली हो चुके गांवों को वापस बसाया जाए।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - उत्तराखंड को ITBP ने दिया बहुत बड़ा तोहफा, रंग लायी सांसद अनिल बलूनी की मेहनत
ऐसे में इस तरह की कोशिशें कामयाब साबित हो सकती हैं। इस वक्त उत्तराखंड में कई जगहें ऐसी हैं, जहां चीड़ बहुतायत पाया जाता है। अगर उन जगहों पर ऐसे प्लांट लगा दिए जाएं और हर प्लांट में 500 लोगों को रोजगार दिया जाए तो ये फायदेमंद साबित हो सकता है। सीएम त्रिवेंद्र का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। हाल ही में इन सब बातों के समाधान के लिए देहरादून में इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। इसमें निवेशकों ने 1 लाख 20 हजार करोड़ के निवेश की इच्छा जताई है। अब वक्त आ गया है कि सरकार सही दिशा में जाकर सही तरह से अपने कामों को अंजाम तक पहुंचाए। देखना है कि आगे इस क्षेत्र में और क्या क्या होता है।