उत्तराखंड देहरादूनIMA passing out parade

भारतीय सेना में उत्तराखंड का रुतबा कायम…एक बार फिर से देश को दिए सबसे ज्यादा जांबाज

जनसंख्या के लिहाज से देखें तो एक बार फिर से उत्तराखंड ने देश को सबसे ज्यादा जांबाज दिए हैं। भारतीय सेना में उत्तराखंड का रुतबहा कायम है।

उत्तराखंड: IMA passing out parade
Image: IMA passing out parade (Source: Social Media)

देहरादून: देशसेवा की जब भी बात है तो, उत्तराखंड का नंबर हमेशा अव्वल रहता है। एक बार फिर से उत्तराखंड की धरती के वीरों ने अपनी मातृभूमि का मान-सम्मान बनाए रखा।
हम बात कर रहे हैं आईएमए यानी इंडियन मिलिट्री एकेडमी की। इंडियन मिलिट्री एकेडमी में एक बार फिर से जश्न का माहौल था। देशसेवा के जज्बे से हर कोई ओत प्रोत नज़र आ रहा था। मौका खास इसलिए था क्योंकि 347 जेंटलमैन कैडेट देश की सेना में अफसर बनने को तैयार थे।
पासिंग आउट परेड से जेंटलमैन कैडेट की टोली निकली तो हर किसी ने तालियों की गड़गड़ाहट से वीरों का स्वागत किया। खास बात ये रही है कि देश की सेना को अफसर देने के मामले में उत्तराखंड की बादशाहत एक बार फिर से कायम रही।

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इस बार भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में संख्या बल के मामले में भले ही यूपी सबसे आगे हो, लेकिन जनसंख्या के लिहाज से उत्तराखंड सबसे आगे रहा है। उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा के 53 युवा पासआउट हुए। उत्तराखंड से इस बार 26 युवा पासआउट होकर सेना में अफसर बने।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार से तुलना करें तो उत्तराखंड के युवाओं का फीसद सबसे ज्यादा है। बाकी राज्यों की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश, अंडमान, मेघालय, गोवा, नागालैंड से एक भी युवा आईएमए से पासआउट नहीं हुआ। मिजोरम और पुडुचेरी से एक-एक कैडेट पासआउट हुए।
इस बार विदेशों से 80 कैडेट आईएमए से पासआउट हुए हैं।

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भारतीय उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज एन्बु ने परेड की सलामी ली। उन्होंने नए सैन्य अधिकारियों से हर तरह की चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा है।
सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड की शुरुआत हुई। एडवांस कॉल के साथ ही देश के ये भावी कर्णधार कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे।
इसके बाद परेड कमांडर अर्जुन ठाकुर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली और इसके बाद शुरू हुआ एक जबरद्सत नज़ारा।
कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर फूलों से बारिश हो रही थी।