उत्तराखंड देहरादूनSDRF training center to build in uttarakhand

उत्तराखंड में बनेगा देश का पहला हाईटेक ट्रेनिंग सेंटर, तैयार है SDRF..जानिए खूबियां

कई मायनों में उत्तराखंड के लिए ये एक बेहतरीन खबर है। 185 करोड़ की लागत से देश का पहला हाईटेक ट्रेनिंग सेंटर उत्तराखंड में खुलेगा।

उत्तराखंड: SDRF training center to build in uttarakhand
Image: SDRF training center to build in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: केदारनाथ आपदा से लेकर अब तक SDRF ने देश में अपनी एक अलग ही पहचान कायम की है। अब खबर है कि उत्तराखंड में एसडीआरएफ यानी राज्य आपदा प्रबंधन बल का ऐसा प्रशिक्षण केंद्र खुलने जा रहा है, जो देश में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा। इस ट्रेनिंग सेंटर को तैयार करने में करीब 185 करोड़ की लागत आएगी। देहरादून के जौलीग्रांट में बनने वाला ये सेंटर ये देश का पहला ट्रेनिंग सेंटर होगा, जहां अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस ट्रेनिंग सेंटर का काम जनवरी के आखिरी हफ्ते तक शुरू होने की उम्मीद है। तीन फेज़ में इसका काम पूरा होगा और पहले फेज़ में करीब 79 करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान है। आइए इस बारे में आपको कुछ खास बातें बताते हैं और साथ ही बताते हैं कि यहां क्या क्या सुविधाएं होंगी, जिनका सरोकार सिर्फ आपसे है।

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केदारनाथ आपदा से लेकर चारधाम यात्रा, आपदा प्रबंधन, जंगलों में लगने वाली आग और बड़े हादसाें में SDRF ने हर बार बड़ी भूमिका निभाई है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में SDRF की सात कंपनियों के गठन की कार्ययोजना है। कई साल बीत चुके हैं, तबसे एसडीआरएफ का हेड क्वार्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास टेंटों में संचालित हो रहा है। अब नए साल पर SDRF को आधुनिक तकनीक से लैस ट्रेनिंग सेंटर की सौगत मिलने जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण 23 हेक्टेयर जमीन में होगा। ये देश का पहला ट्रेनिंग सेंटर होगा, जिसमें थाईलैंड की तर्ज पर डीप वाटर रेस्क्यू पौंड का निर्माण होगा। यहां 100 बेड वाला हॉस्पिटल भी बनेगा और दो हेलीपैड भी बनाए जाएंगे। आपदा की स्थिति में घायलों को सीधा हेलीकॉप्टर से अस्पताल लाया जाएगा।

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इसके अलावा यहां सरफेस वाटर रेस्क्यू पोंड बनेगा। इससे कम जल स्तर में बचाव कार्य के लिए ट्रेनिंग होगी। श्वान प्रशिक्षण एवं प्रजनन केन्द्र और सड़क दुर्घटना एवं ड्राइविंग सिम्यूलेटर भी यहां बनेंगे। इसके अलावा चढ़ने की ट्रेनिंग के लिए यहां कृत्रिम दीवार भी तैयार होनी है। कमांडो ट्रेनिंग के लिए यहां कमांडों अवरोधक तैयार होंगे। तेज बहाव में बचाव कार्य की ट्रेनिंग के लिए यहां पानी में तेज तरंग पैदा करने वाले उपकरण लगेंगे। नहरों में बचाव कार्य की ट्रेनिंग के लिए यहां कृत्रिम नहर का निर्माण होगा। इसके अलावा 100 बिस्तर वाला अस्पताल, दो हेलीपैड और फायर ब्रिगेड ट्रेनिंग सेंटर भी बनेगा। जनवरी के आखिरी हफ्ते से यहां निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। उत्तराखंड के लिए ये एक अच्छी खबर है।