उत्तराखंड टिहरी गढ़वालStory of tehri gangi village

टिहरी: गंगी गांव के लोगों की मेहनत को सलाम, विदेशों तक बढ़ेगी यहां के आलू की डिमांड

कहते है कि हाथ पर हाथ धरे बैठने से कुछ नहीं होता। मेहनत करने वाले का साथ भगवान भी देता है। ऐसा ही टिहरी के गंगी गांव के लोगों के साथ है।

उत्तराखंड: Story of tehri gangi village
Image: Story of tehri gangi village (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: आज देश का किसान बदहाल है..देशभर में किसानों की बद्हाली की खबरें अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं, तो वहीं इन खबरों के बीच उत्तराखंड के टिहरी के एक सीमांत गांव के ग्रामीणों ने वो कर दिखाया है, जिससे दूसरे इलाकों के किसान सबक ले सकते हैं। इनकी मेहनत और जोश को आज हर कोई सलाम कर रहा है। दरअसल सीमांत गांव गंगी के किसानों ने तुमड़ी आलू की पैदावार कर अपनी अलग पहचान बनाई है। इससे जहां पलायन रोकने में मदद मिली है, तो वहीं ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। इस गांव के सभी परिवार आलू की खेती करते हैं। सीमांत गांव गंगी के तुमड़ी या तोमड़ी आलू की ब्रांडिंग की कवायद शुरू हो गई है। जिला उद्यान विभाग सीमांत गांव में उगने वाले इस आलू की ब्रांडिंग कर इसे देश-विदेश में पहुंचाएगा।

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इस गांव के सभी परिवार आलू की खेती से जुड़े हैं। गांव में उगने वाले आलू को थोक व्यापारी 20 रुपये किलो के हिसाब से खरीदते हैं, जिन्हें बाहर अच्छे दामों में बेचा जाता है। बताया जाता है कि इस आलू की डिमांड विदेशों में भी है। काश्तकारों के साथ-साथ व्यापारी भी तुमड़ी आलू बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। काश्तकारों का कहना है कि सरकार अगर मदद करे तो पैदावार और अच्छी हो सकती है। वहीं जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि गांव में आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए गांव में दो समूह बनाए गए हैं। मौसम साफ होने के बाद विभाग की एक टीम गांव जाकर किसानों से मिलेगी। किसानों को आलू के बीज मुफ्त मुहैया कराने के साथ-साथ आलू की ब्रांडिंग भी की जाएगी। देखना है कि आगे क्या होता है।