उत्तराखंड चमोलीGood work by chamoli district people

चमोली जिले के ग्रामीणों की मेहनत को सलाम, पहाड़ का सीना चीरकर खुद बना दी सड़क

हाथ पर हाथ धरे बैठने से कुछ नहीं होता। चमोली जिले के स्यूणी मल्ली में ग्रामीणों ने इस बात को सच साबित कर दिखाया है।

उत्तराखंड: Good work by chamoli district people
Image: Good work by chamoli district people (Source: Social Media)

चमोली: चमोली के स्यूणी मल्ली में ग्रामीणों ने पहाड़ जैसी चुनौतियों को अपनी मेहनत के दम पर पार कर 55 मीटर लंबी सड़क बना दी। इन दिनों ग्रामीण आगरचट्टी-स्यूणीमल्ली मोटरमार्ग के निर्माण में जुटे हैं। सालों से सड़क का इंतजार कर रहे ग्रामीण कड़ाके की ठंड में भी श्रमदान करने से पीछे नहीं हट रहे। ये रास्ता छह किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 55 मीटर भूमि पर ग्रामीण सड़क बना चुके हैं। हालांकि ग्रामीणों को आशंका है कि वन विभाग इस काम में अड़चन डाल सकता है, इसके बावजूद ग्रामीण सड़क बनाने की ठान चुके हैं। स्यूणी मल्ली के लोग 22 सालों से गांव में सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने धरना प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल तक की, लेकिन सड़क नहीं बनी। हर चुनाव में उनसे सड़क बनाने का वादा तो किया जाता, लेकिन चुनाव के बाद कोई इस गांव की तरफ देखता भी नहीं। जब हर तरफ से निराशा हाथ लगी तो ग्रामीणों ने खुद कुदाल उठा ली और लगे सड़क बनाने।

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गांव की वार्ड सभासद से लेकर नौकरीपेशा लोग भी श्रमदान कर सड़क बनाने के काम में जुटे हुए हैं। गांव में सड़क ना होने की वजह से बीमार लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। पिछले दस साल में यहां के 28 ग्रामीण समय पर इलाज ना मिलने की वजह से रास्ते में दम तोड़ चुके हैं। इनमें गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। रास्ता ना होने की वजह से छात्रों को 14 से 16 किलोमीटर तक पैदल चल कर स्कूल पहुंचना पड़ता है, स्कूल पहुंचने का रास्ता जंगल से होकर जाता है, ऐसे में परिजनों को बच्चों की चिंता लगी रहती है। पिछले साल जनवरी में सीएम ने आगरचट्टी-स्यूणीमल्ली मोटर मार्ग का किया शिलान्यास भी किया था, लेकिन एक साल बाद भी सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ। बहरहाल सरकारी मशीनरी का भरोसा छोड़ ग्रामीण खुद सड़क बनाने में जुटे हैं...उम्मीद है सड़क बनने के बाद गांव विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएगा...बच्चों को स्कूल जाने के लिए जंगल से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।