: चारधाम ऑलवेदर रोड के बनने की बाट जोह रहे उत्तराखंड वासियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। परियोजना के पूरा होने में अभी एक साल से ज्यादा का वक्त लग सकता है। एक वेबसाइट के मुताबिक परियोजना के तहत प्रस्तावित कामों में आने वाली अड़चनों के चलते ऑलवेदर रोड के निर्माण में देरी हो रही है। हालांकि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को राहत दे दी है, इसके बावजूद कहा जा रहा है कि रोड का 50 फीसदी काम ही तय समय सीमा के भीतर हो पाएगा। बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट में हो रही देरी का असर इसके बजट पर भी पड़ेगा। इससे परियोजना की लागत में 1 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। फिलहाल कोर्ट ने योजना के तहत उन्हीं कार्यों को मंजूरी दी है, जिन पर काम चल रहा है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को कोर्ट में सात हफ्ते में प्रति शपथ पत्र दाखिल करना है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों का असर भी प्रोजेक्ट पर पड़ेगा।
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खबर है कि चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाने की वजह से योजना के बाकी कामों पर मई और जून महीने तक फैसला हो सकेगा। मानसून में निर्माण कार्य नहीं हो पाएंगे। चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना पर 11700 करोड़ रुपये की लागत आएगी, लेकिन अगर प्रोजेक्ट में एक साल की देरी होती है, तो माना जा रहा है कि लागत 10 फीसदी तक बढ़ जाएगी। चारधाम ऑलवेदर रोड केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस योजना के तहत सरकार चारधाम की यात्रा को 12 महीने सुगम बनाना चाहती है। योजना के तहत चारधाम के साथ-साथ चीन की सीमा तक अच्छी और पक्की सड़क बनेगी। कुल 9 सौ किलोमीटर लंबी रोड केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में जोड़ेगी। इससे चारधाम यात्रा को 12 महीने जारी रखा जा सकेगा। बारिश के मौसम में धाम के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही रोजगार के स्थाई अवसर भी मिलेंगे।