उत्तराखंड देहरादूनno work no pay in uttarakhand

उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश बनने नहीं दिया जाएगा.. 'नो वर्क नो पे' का फॉर्मूला काम कर गया

'नो वर्क नो पे' का असर है कि आज सचिवालय में कर्मचारियों की रिकॉर्ड अटेंडेंस दर्ज की गई...

त्रिवेन्द्र सिंह रावत: no work no pay in uttarakhand
Image: no work no pay in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: हड़ताल के लिए मनमानी पर उतरे उत्तराखंड के कर्मचारियों पर त्रिवेंद्र सरकार की सख्ती का असर दिख रहा है। एक तरफ त्रिवेंद्र सरकार कर्मचारियों की मांगों पर उचित रास्ता निकाल रही है, दूसरी तरफ नो वर्क नो पे का सख्त संदेश भी कर्मचारियों को दिया जा रहा है। इसी का असर है कि आज सचिवालय में कर्मचारियों की रिकॉर्ड अटेंडेंस दर्ज की गई। बायोमेट्रिक मशीन की अटेंडेंस रिपोर्ट के अनुसार पिछले 4 दिनों में आज कर्मचारियों की उपस्थिति सबसे ज्यादा रही। सीएम त्रिवेंद्र पहले भी कह चुके हैं कि उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश नहीं बनने दिया जाएगा। फिर भी कर्मचारी बार बार हड़ताल की धमकी देकर राज्य की व्यवस्था को पटरी से उतारना चाहते हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने नो वर्क नो पे की सख्त पॉलिसी बनाई है। सरकार के सख्त रुख के आगे हड़ताल पर आमादा कर्माचारियों के तेवर ठंडे पड़ते जा रहे हैं।

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कर्मचारियों के अवकाश पर चले जाने से सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप है, लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियो के इस रवैय्ये से सरकार और प्रशासन बेहद नाखुश हैं। वित्त विभाग की तरफ से कोषागार को बिना अनुमति छुट्टी पर रहने वाले कर्मचारियों की एक दिन की तनख्वाह काट लेने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के ऐलान पर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। जो कर्मचारी सामूहिक अवकाश में हिस्सा ना लेकर दफ्तर आ रहे हैं, उन्हें सुरक्षा मुहैय्या कराई गई है। वित्त विभाग ने ‘कार्य नहीं तो वेतन नहीं’ का फार्मूला अपनाकर अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय प्रशासन ने भी सचिवालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है।