उत्तराखंड हरिद्वार34 people died in uttarakhand due to poisonous liquor

उत्तराखंड: जहरीली शराब पीने से 48 घंटे के भीतर 34 लोगों की मौत, 33 लोगों की हालत गंभीर

उत्तराखंड में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 34 हो गया है, 33 लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।

उत्तराखंड: 34 people died in uttarakhand due to poisonous liquor
Image: 34 people died in uttarakhand due to poisonous liquor (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में जहरीली शराब ने कई घरों को बर्बाद कर दिया। रुड़की में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। जिले के पांच गांवों में लगातार हो रही मौतों से मातम पसरा है। लोग सदमे में हैं। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि जहरीली शराब पीने से बीमार 48 से ज्यादा लोग अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं, इनमें से 33 लोगों की हालत नाजुक है। प्रभावित गांवों से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वालों का सिलसिला अब तक जारी है। लगातार हो रही मौतों से गांवों में सन्नाटा पसरा है, तो वहीं सरकार ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का ऐलान किया है। गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। झबरेड़ा इलाके में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों का जो सिलसिला गुरुवार शाम से शुरू हुआ था, वो अब तक थमा नहीं है। बाल्लुपुर, जहाजगढ़, भलस्वागाज, बिंड और खरक गांव में बीमारों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

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इन लोगों ने बाल्लुपुर और बिंड गांव से कच्ची शराब खरीदी थी। जहरीली शराब से लगातार मौतें हो रही हैं, तो वहीं इस मामले में कुछ संगठनों ने राजनीति करनी शुरू कर दी है। सिविल अस्पताल में मृतकों के पोस्टमार्टम के दौरान भीम आर्मी ने खूब हंगामा किया। भीम आर्मी के नेता प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करने लगे। ये लोग मृतक आश्रितों को दस लाख रुपये बतौर मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। भीम आर्मी के विरोध के चलते पोस्टमार्टम प्रक्रिया तीन घंटे तक बाधित रही। बाद में कुछ परिजनों ने भीम आर्मी की इस मांग से खुद को अलग कर लिया, तब कहीं जाकर मृतकों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हो पाई। जहरीली शराब ने कई घरों के चिराग बुझा दिए तो कई महिलाओं का सुहाग उजड़ गया। लोग सिस्टम को कोस रहे हैं। अगर समय रहते कच्ची शराब के धंधे पर रोक लगी होती, तो इन परिवारों को अपना मुखिया ना खोना पड़ता। अब भी 48 बीमार लोग हरिद्वार और देहरादून के अस्पतालों में भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है। इनमें से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।