उत्तरकाशी: अभाव-मुश्किलें क्या होती हैं, ये जानना हो तो उत्तरकाशी के सर बडियार पट्टी चले आइए, जहां ना सड़क है ना संचार सेवाएं। हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा आप यूं लगा सकते हैं कि जब डीएम को भी यहां पहुंचने में 18 साल लग गए, तो सोचिए विकास की किरण यहां तक कैसे पहुंच पाती। सर बडियार पट्टी के ये 8 गांव हर तरह के विकास से इतने दूर हैं कि यहां उम्मीद को भी पहुंचने में वक्त लगता है। सोमवार का दिन इन 8 गांव के लोगों के लिए बेहद खास था। ये वो दिन था जिसका इंतजार गांव वाले पिछले 18 साल से कर रहे थे। सालों के इंतजार के बाद डीएम डॉ. आशीष चौहान जब पुरोला तहसील की सर बडियार पट्टी पहुंचे, तो मारे खुशी के लोगों की आंखें भर आईं। दरअसल डीएम आशीष चौहान यहां आयोजित बहुद्देश्यीय शिविर में लोगों की समस्याएं सुनने आए थे। गांव तक पहुंचने के लिए डीएम को अन्य अधिकारियों के साथ सरनौल से 8 बजे पैदल निकलना पड़ा, 4 घंटे पैदल चलने के बाद कहीं जाकर वो 12 बजे सर बडियार गांव पहुंचे।