उत्तराखंड wadia himalayan institute reasearch about tehri dam

टिहरी बांध को लेकर वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा, दिया बड़े खतरे का संकेत

टिहरी बांध को लेकर वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक चिंताजनक बात बताई है, आप भी पढ़ें...

उत्तराखंड: wadia himalayan institute reasearch about tehri dam
Image: wadia himalayan institute reasearch about tehri dam (Source: Social Media)

: इन दिनों उत्तराखंड में लगातार बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बादल फटने की इन घटनाओं का कनेक्शन टिहरी बांध से भी हो सकता है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ये कहना है वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों का, हाल ही में इंस्टीट्यूट के एक वैज्ञानिक ने टिहरी डैम को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि टिहरी बांध से निकल रही मीथेन गैस इस क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा है। अगर गैस लगातार वातावरण में फैलती रही तो गढ़वाल मंडल में बादल फटने की घटनाओं में इजाफा होगा। मीथेन गैस का रिसाव क्षेत्र के पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा है। टिहरी बांध से मीथेन गैस छोटे-छोटे बुलबुलों की शक्ल में निकल रही है, ये बुलबुले फूटते हैं तो मीथेन गैस वातावरण में फैल जाती है। इसीलिए इन बुलबुलों को ट्रैप करने की जरूरत है।

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मीथेन गैस से पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचती है, ये समझना भी जरूरी है। मीथेन गैस कार्बन डाई ऑक्साइड की अपेक्षा 25 गुना ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाती है। केवल टिहरी ही नहीं दुनियाभर के बांधों से भारी मात्रा में मीथेन गैस निकल रही है। मीथेन गैस की वजह से अचानक ज्यादा बारिश हो सकती है, सामान्य दिनों में बादल फटने की घटनाएं भी हो सकती हैं। एक वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. समीर तिवारी कहते हैं कि इस वक्त बारिश का चक्र बदल गया है। कम नमी वाले इलाकों में ज्यादा बारिश हो रही है, जबकि ज्यादा नमी वाले इलाकों में कम बारिश हो रही है। हिमालयी क्षेत्रों के लिए ये अच्छा संकेत नहीं है। एक साथ बहुत ज्यादा बारिश होने की वजह से हिमालय के पहाड़ों में दरारें पड़ रही हैं। पहाड़ों में दरारें लैंडस्लाइडिंग की बड़ी वजह बनती है। इस दिशा में अब भी व्यापक शोध की जरूरत है, ताकि टिहरी डैम से निकलने वाली मीथेन गैसके बुलबुलों को ट्रैप करने के लिए रणनीति बनाई जा सके। पर्यावरण को बचाने के लिए ये करना जरूरी है।