उत्तरकाशी: कुदरत ने इंसान की जरूरतें पूरी करने के लिए सब इंतजाम किए हैं, पर उसके लालच के लिए नहीं। लालच का कोई अंत नहीं। अब उत्तरकाशी के तहसीलदार चंदन सिंह राणा को ही देख लो। सरकारी नौकरी थी, अच्छा वेतन पा रहे थे, पर थोड़ा और, थोड़ा और के चक्कर में नप गए। जमीन का दाखिल-खारिज करने के एवज में दस हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए। विजिलेंस की टीम ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा। मामला चिन्यालीसौड़ तहसील का है। चिन्यालीसौड़ के कैंथोली में रहने वाले नारायण सिंह पंवार ने तहसीलदार चंदन सिंह राणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने एक आवासीय भूखंड खरीधा, इस पर निर्धारित स्टांप फीस भी जमा कराई। जमीन अपने नाम कराने के लिए उन्होंने चिन्यालीसौड़ तहसील में आवेदन किया। पर तहसीलदार ने आवेदन निरस्त कर दिया। बहाना बनाया कि दाखिल खारिज पत्रावली अपूर्ण है।
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परेशान नारायण सिंह ने दोबारा शपथ पत्र दाखिल कर पत्रावली को बहाल किया। दाखिल खारिज के लिए वो तहसीलदार चंदन सिंह राणा से मिले। जहां तहसीलदार ने कहा कि 13 हजार रुपये दो काम हो जाएगा। शिकायतकर्ता ने कहा कि मैं गरीब गांव वाला हूं, इतनी बड़ी रकम देने की मेरी स्थिति नहीं है। पर तहसीलदार ने साफ कह दिया कि दस हजार रुपये लाओ, तभी काम होगा। तहसीलदार ने उसे 21 अगस्त को अपने दफ्तर आने को कहा। शिकायतकर्ता को सरकारी कर्मचारी का ये रवैया अखर गया, वो किसी भी हाल में रिश्वत नहीं देना चाहता था। उसने विजिलेंस से शिकायत की। शिकायत सही पाए जाने पर डीआईजी विजिलेंस ने ट्रैप टीम का गठन किया। बुधवार को ये टीम चिन्यालीसौड़ पहुंची और आरोपी तहसीलदार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी के पास से दस हजार रुपये की रकम भी बरामद हुई है। आरोपी तहसीलदार मुखवा उत्तरकाशी का रहने वाला है। उसके खिलाफ देहरादून विजिलेंस दफ्तर में रिपोर्ट दर्ज की गई है।