देहरादून: अपने आशियाने का सपना कौन नहीं देखता, पर इस सपने को पूरा करना इतना आसान नहीं है। कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, तब कहीं जाकर एक मकान बन पाता है। भवन के निर्माण का नक्शा पास कराने में ही लोगों को कई महीने लग जाते हैं। शुक्र है प्रदेश सरकार ने लोगों को इस मामले में राहत दे दी है। त्रिवेंद्र सरकार मंत्रिमंडल ने 105 वर्ग मीटर तक के आवासीय भवनों के नक्शे पास करने की प्रक्रिया सरल कर दी है। अब केंद्र के ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस' के अधीन विभिन्न प्राधिकरणों में लिस्टेड आर्किटेक्ट से प्रमाणित मानचित्र पर भवन निर्माण शुरू किया जा सकता है। यानि अब छोटे आवासीय भवनों के नक्शे पास कराने के लिए लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कई-कई महीने इंतजार नहीं करना होगा। बुधवार को सचिवालय में त्रिवेंद्र सरकार मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने 31 प्रस्ताव पेश किए। 31 में से 30 प्रस्तावों को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई। जिनमें 105 वर्ग मीटर तक के भवनों में मानचित्र पास करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। राज्य सरकार ने एकीकृत बिल्डिंग बायलॉज की दिशा में 105 वर्ग मीटर तक के भवनों में मानचित्र पास करना सरल कर दिया है।
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अब प्राधिकरणों में लिस्टेड आर्किटेक्ट से स्वप्रमाणित नक्शा ही निर्माण कार्य शुरू करने के लिए काफी होगा। लोगों को नक्शा पास कराने के लिए प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे उनका पैसा बचेगा और समय भी। लोग आर्किटेक्ट से प्रमाणित नक्शा ऑनलाइन जमा करा सकेंगे। फीस देने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर सकेंगे। नक्शा पास करने की आखिरी स्वीकृति प्राधिकरण की होगी। नक्शे में कोई खामी मिली तो संबंधित आर्किटेक्ट को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने सरकारी विभागों, निगमों, सार्वजनिक उद्यमो और शिक्षण संस्थानों में सीधी भर्ती के लिए आरक्षण रोस्टर को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार का तय आरक्षण रोस्टर ही प्रदेश में भी लागू होगा। ऋषिकेश बाइपास के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रेत-बजरी पर से कैबिनेट ने रायल्टी हटा दी है। सड़क निर्माण के दौरान वसूले जाने वाले सुपर विजन चार्जेज को भी 15 फीसदी से घटाकर ढाई फीसदी कर दिया गया है।