उत्तराखंड रुद्रप्रयागNumber of aids patients increasing in rudraprayag

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 89 लोग AIDS से पीड़ित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

रुद्रप्रयाग जिले में एड्स पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, एड्स रोगियों में ज्यादातर महिलाएं हैं...पढ़िए पूरी खबर

aids patient: Number of aids patients increasing in rudraprayag
Image: Number of aids patients increasing in rudraprayag (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: एड्स जैसी जानलेवा बीमारी पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। अपना उत्तराखंड भी इस बीमारी से अछूता नहीं रहा। उत्तराखंड में एड्स पेशेंट्स और एचआईवी पॉजिटिव रोगियों के सामने आने का सिलसिला जारी है। हाल ही में रुद्रप्रयाग से जो खबर आई है, उसने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। रुद्रप्रयाग जिले में एड्स रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंता वाली बात ये भी है कि एड्स पेशेंट्स में ज्यादातर महिलाएं हैं। दो साल पहले तक जिले में एड्स पेशेंट्स की संख्या 50 के करीब थी, अब ये आंकड़ा बढ़कर 89 हो गया है। एड्स जैसी बीमारी ना सिर्फ इंसान को, बल्कि परिवारों को भी तोड़ देती है। बीमारी को लेकर लोगों में जागरुकता का भी अभाव है। यही वजह है कि महिलाएं अनजाने में ही एड्स की चपेट में आ रही हैं। जिला अस्पताल में अब तक 89 एड्स रोगियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। एड्स पीड़ितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।

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पहाड़ में हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एड्स रोगियों में 17 से 18 साल के युवा भी शामिल हैं। कई पेशेंट ऐसे हैं, जिनका जिला अस्पताल में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। वो प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं। पिछले दो साल में हालात बिगड़े हैं, एड्स रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एड्स के ज्यादातर मामले जखोली ब्लॉक में सामने आए हैं। दो साल पहले रुद्रप्रयाग में एड्स पेशेंट्स की संख्या 50 थी, जो कि अब 89 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य अधिकारी भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि एड्स के मरीजों की संख्या में इजाफा होना चिंता की बात है। हालांकि मरीजों के इलाज के लिए हमारे पास पूरे इंतजाम हैं। जो मरीज नियमित तौर पर दवाएं ले रहे हैं, उनकी उम्र भी बढ़ी है। पर लोगों को अब भी जागरूक होने की जरूरत है। समय पर जांच और ट्रीटमेंट से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। सरकारी अस्पतालों में एड्स और एचआईवी की जांच और मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है।