उत्तराखंड देहरादूनDengue attack in dehradun, hospitals full

सावधान! देहरादून में डेंगू से दहशत, 1900 के पार पहुंचा मरीजों का आंकड़ा

दून में डेंगू पेशेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है, अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं, मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर हो रहा है...

Dengue attack: Dengue attack in dehradun, hospitals full
Image: Dengue attack in dehradun, hospitals full (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून में डेंगू की दहशत कायम है। डेंगू से डरे हुए लोग सामान्य बुखार में भी सीधे अस्पताल की तरफ दौड़ रहे हैं। राजधानी में डेंगू पेशेंट की संख्या 1900 के आंकड़े को पार कर चुकी है। डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। राजधानी के अस्पताल डेंगू पेशेंट्स से भरे हुए हैं। ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों के लिए एक भी बेड खाली नहीं है। हालात कितने खराब हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मरीजों को स्ट्रेचर पर लेटा कर इलाज किया जा रहा है। कई मरीजों को बेड तो दूर स्ट्रेचर भी नहीं मिल रहा। डेंगू की बीमारी से ज्यादा बीमारी के डर ने लोगों में दहशत फैला दी है। सामान्य वायरल बुखार के मरीज भी डॉक्टर से कह रहे हैं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लें। लोगों के इसी डर ने स्वास्थ्य विभाग को भी परेशानी में डाल दिया है। डेंगू के चलते राजधानी में हाहाकार मचा है। सरकारी अस्पतालों में बेड की क्या स्थिति है, ये भी बताते हैं।

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दून मेडिकल अस्पताल में 567 बेड हैं, ये हर दिन फुल रहते हैं। अस्पताल में डेंगू पेशेंट्स के लिए 65 एक्सट्रा बेड की व्यवस्था की गई है। कोरोनेशन में 39 और गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में डेंगू पेशेंट के लिए 31 बेड रिजर्व हैं। रविवार को दोनों अस्पतालों में बेड फुल रहे। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को भी सरकारी अस्पताल खुले रहे। गांधी शताब्दी अस्पताल और कोरोनेशन हॉस्पिटल में डेंगू के मरीजों की जांच हुई। दून अस्पताल की इमरजेंसी का मोर्चा खुद चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने संभाला। यहां भी डेंगू के लक्षण वाले मरीजों का चेकअप किया गया। डेंगू के खतरनाक स्तर तक पहुंचने की वजह से अस्पतालों के साथ-साथ ब्लड बैंकों पर भी दबाव बढ़ा है। पैथोलॉजी लैब में भीड़ लगी है। डेंगू के बढ़ते केसेज को देखते हुए पैथोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने जांच दरें कम करने का ऐलान किया है। अब दून में मरीज से रैपिड जांच के एक हजार और एलाइजा जांच के लिए 500 रुपये लिए जाएंगे। बता दें कि रैपिड टेस्ट के लिए पहले 1200 रुपये और एलाइजा जांच के लिए एक हजार रुपये लिए जाते थे। हमारी आपसे अपील है कि डेंगू को लेकर डरें नहीं। उल्टी, शरीर पर चकत्ते, बुखार आना, जोड़ों-आंखों में दर्द जैसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर को दिखाएं। खुद डॉक्टर ना बनें, डॉक्टर के निर्देश पर ही दवा का सेवन करें।