उत्तराखंड देहरादूनKishan mahipal scolded state cultural department

लोकगायक किशन महिपाल ने उत्तराखंड संस्कृति विभाग पर साधा निशाना, वायरल हुआ ये वीडियो

किशन महिपाल...वही, फ्योंलड़िया वाले, कलाकारों के शोषण के खिलाफ इन्होंने जो बोला है, वो देख-सुन आपके भी होश उड़ जाएंगे...देखिए वीडियो

Kishan mahipal: Kishan mahipal scolded state cultural department
Image: Kishan mahipal scolded state cultural department (Source: Social Media)

देहरादून: लोकगायक किशन महिपाल, पहाड़वासियों के बीच ये नाम खूब लोकप्रिय है। पहाड़ में ऐसा कोई समारोह नहीं होता, जिसमें इनके गाए गीत ना बजते हों। फ्योंलड़िया तो आपने सुना ही होगा, रिकॉर्ड बना चुके इस गीत को गाने वाले अपने किशन महिपाल ही हैं। किशन महिपाल अपनी गायकी के लिए जितनी सुर्खियां बटोरते रहे हैं, उससे ज्यादा चर्चा में है उनकी मुहिम। दरअसल किशन हमेशा कलाकारों के हक की बात करते हैं। उत्तराखंड के संस्कृति विभाग पर कलाकारों के शोषण के आरोप लगते रहे हैं। ये बात जानते सब हैं, पर बोलता कोई नहीं। क्योंकि जो आवाज उठाता है, विभाग में बैठे दलाल उस कलाकार को खत्म करने में जुट जाते हैं। हाल ही में किशन महिपाल का एक इंटरव्य् सोशल मीडिया पर खूब छाया हुआ है। किशन इसमें संस्कृति विभाग के खिलाफ बोले हैं, और क्या खूब बोले हैं। इस वीडियो में उन्होंने संस्कृति विभाग और इसके ठेकेदारों की बखिया उधेड़ दीं।

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किशन महिपाल ने संस्कृति विभाग के खिलाफ जो सवाल उठाए हैं, वो हर संस्कृतिकर्मी के मन में है, पर बोलता कोई नहीं। जो बोलते हैं, उन्हें प्रोग्राम मिलना बंद हो जाते हैं। किशन महिपाल कहते हैं कि संस्कृति विभाग का काम कलाकारों का मनोबल बढ़ाना है, पर ये लोग उनका शोषण कर रहे हैं। मार्च में उत्तराखंड संस्कृति विभाग से खूब पैसा रिटर्न होता है, जबकि संस्कृति विभाग कहता है हमारे पास पैसा नहीं है, पैसा नहीं है। एक मिस्त्री तीन घंटे काम करने के बाद साढ़े पांच सौ रुपये कमा लेता है। संस्कृति विभाग वाले हमारे आर्टिस्ट को एक कार्यक्रम के लिए दून से भोपाल भेजते हैं। जिसमें पांच दिन लगते हैं। कलाकार को दिए जाते हैं सिर्फ चार सौ रुपये, और वो चार सौ रुपये भी दो साल बाद मिलते हैं। कई कलाकारों के लाखों रुपये संस्कृति विभाग में फंसे हैं। गायक कैलाश खेर एक प्रोग्राम के 16 लाख रुपये लेते हैं, पहले होटल में कैश का बैग पहुंचता है, तब वो गाते हैं। जबकि किशन महिपाल को एक प्रोग्राम के मिले 35 हजार रुपये और वो भी तीन साल बाद। ये कलाकारों के साथ खेल नहीं है तो क्या है। किशन महिपाल ने वाजिब सवाल उठाए हैं, आप भी अगर उत्तराखंड से, अपनी संस्कृति से प्यार करते हैं तो कलाकारों के शोषण का विरोध कीजिए, ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम उन लोगों का साथ दीजिए, जिन्होंने ऐसा करने की हिम्मत दिखाई है। यहां हम आपको वो वीडियो भी दिखा रहे हैं, इसे देख संस्कृति विभाग के भीतर चल रहा खेल आप भी समझ जाएंगे।

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