: उत्तराखंड में आयुष इंडस्ट्री के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। त्रिवेंद्र सरकार इन संभावनाओं को अवसर में बदलने की कोशिश कर रही है। पहाड़ों में आयुष इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में आयुष नीति बनी है। जिसके तहत पहाड़ में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों को डेढ़ करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। यही नहीं औद्योगिक विकास योजना और एमएसएमई नीति के तहत निवेश करने पर सरकार की तरफ से वित्तीय प्रोत्साहन भी मिलेगा। कुल मिलाकर निवेशकों को दोहरा फायदा होगा। आयुष इंडस्ट्री लगाने पर डेढ़ करोड़ की सब्सिडी के साथ-साथ वित्तीय प्रोत्साहन भी मिलेगा। आयुष नीति में इसके लिए अलग से प्रावधान किया गया है। आयुष इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलने से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को पहचान मिलेगी, साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में आयुष सेक्टर में निवेश की बेहतर संभावनाएं हैं।
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त्रिवेंद्र सरकार का फोकस आयुष फार्मास्युटिकल, वेलनेस सेंटर और पंचकर्मा पर है। जो निवेशक आयुष सेक्टर में निवेश करेंगे, उन्हें सरकार की तरफ से हरसंभव मदद दी जाएगी। एमएसएमई नीति के तहत भी सरकार निवेशकों को कई तरह के वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है। इनवेस्टर्स समिट में भी आयुष सेक्टर को लेकर अच्छा रेस्पांस मिला था। आयुष सेक्टर में 1751 करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू साइन हुए थे। जिसमें से 250 करोड़ के निवेश पर काम शुरू हो चुका है। मसूरी और रामनगर में वेलनेस रिजॉर्ट बनाए जा रहे हैं। एमएसई क्षेत्र में निवेश के लिए चार कैटेगरी बनाई गई हैं। हर कैटेगरी में मशीनरी लगाने के लिए अनुदान राशि और ब्याज दर में छूट का प्रावधान किया गया है। आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ में वेलनेस सेंटर, रिजॉर्ट और पंचकर्मा सेंटर बनाने के लिए आयुष विभाग अलग से डेढ़ करोड़ की सब्सिडी देगा। इससे पर्यटन बढ़ेगा, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।