उत्तराखंड farmer getting good benefit from production of apples

74 साल के बुजुर्ग इंद्र सिंह बिष्ट, बंजर जमीन पर सेब उगाया..अब हर साल 8 लाख की कमाई

इंद्र सिंह ने जब सेब की खेती शुरू की थी तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे, पर आज तस्वीर बदल चुकी है, जानिए इनकी कहानी...

apple production: farmer getting good benefit from production of apples
Image: farmer getting good benefit from production of apples (Source: Social Media)

: किसी ने सच ही कहा है मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। अब जोशीमठ के रहने वाले इंद्र सिंह को ही देख लें, 74 साल का ये बुजुर्ग सेब की खेती कर पूरे नीती घाटी के लिए मिसाल बन गया है। इंद्र सिंह बिष्ट गांव में ही सेब की खेती कर हर साल 8 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। जेलम में ये जिस सेब की खेती करते हैं, उसकी मिठास और गुणवत्ता का कोई जवाब नहीं। इंद्र सिंह जेलम गांव के रहने वाले हैं, जो कि रोंग्पा-नीती घाटी में स्थित है। जोशीमठ का ये इलाका भारत-चीन सीमा से सटा है। इंद्र सिंह इसी गांव में रहते हैं। काश्तकार इंद्र सिंह हर साल सेब की खेती कर 7 से 8 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। यही वजह है कि लोग अब उन्हें ‘एपल मैन’ कह कर बुलाते हैं। आज हम इंद्र सिंह की सफलता देख रहे हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कठिन संघर्ष करना पड़ा।

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सेब के बगीचे को तैयार करने में उन्हें पूरे दस साल लगे। बात 1988 की है, तब जेलम गांव की जमीन बंजर थी। इंद्र सिंह ने किसी तरह कर्जा लेकर 20 हजार रुपये जोड़े और बंजर जमीन पर सेब के सौ पौधे लगाए। उस वक्त गांव वाले उनका मजाक उड़ाते थे। आज इसी दो हेक्टेयर जमीन पर 400 से ज्यादा सेब, नाशपाती और बादाम के पेड़ फल-फूल रहे हैं। खेती का सारा काम इंद्र सिंह अकेले ही करते हैं, अपने बेटों तक की मदद नहीं लेते। शीतकाल में जब लोग प्रवास के लिए निचले इलाकों में चले जाते हैं, तब भी इंद्र सिंह अपने गांव में रहकर बगीचे की देखभाल करते हैं। उनके बगीचे में रॉयल डेलिसस, रेड डेलिसस, गोल्डन डेलिसस, राइमर, स्पर और हेरिसन प्रजाति के सेबों की पैदावार होती है, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। गांव के इस बुजुर्ग ने लोगों को कभी ना हारने की प्रेरणा देने के साथ ही रोजगार का बेहतर विकल्प भी दिया है। इंद्र सिंह से प्रेरणा लेकर नीती घाटी के दूसरे ग्रामीण भी सेब उत्पादन करने लगे हैं।