उत्तराखंड देहरादूनVillagers will get educated government in pithoragarh

पिथौरागढ़- मेट्रो सिटी की जिंदगी छोड़ किया रिवर्स पलायन, अब बनीं ग्राम प्रधान

पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में ग्रामीणों को पढ़ी-लिखी ग्राम प्रधान मिली है, जानिए इनके बारे में...

Pithoragarh: Villagers will get educated government in pithoragarh
Image: Villagers will get educated government in pithoragarh (Source: Social Media)

देहरादून: पलायन के दर्द को पहाड़ और पहाड़ियों से बेहतर भला कौन समझ सकता है। उत्तराखंड लंबे वक्त से पलायन की मार झेल रहा है, लेकिन अब पलायन को रोकने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। आम लोग इस बात को समझने लगे हैं कि जब तक वो पहाड़ में रहकर पहाड़ के विकास में योगदान नहीं देंगे, तब तक ना तो गांव की तस्वीर बदलेगी और ना ही पलायन रुकेगा। रिवर्स पलायन की ऐसी ही शानदार मिसाल पेश की है पिथौरागढ़ के युवा पत्रकार गोविंद सिंह बिष्ट ने। गोविंद सिंह और उनकी पत्नी शहर की नौकरी छोड़कर अपने क्षेत्र गंगोलीहाट वापस लौटे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गोविंद सिंह बिष्ट की पत्नी ने चुनाव लड़ा और वो जीती भीं। अब शहर की पढ़ी-लिखी युवा बेटी, पहाड़ की सेवा करेगी। अपने गांव का प्रतिनिधित्व करेगी। गोविंद सिंह बिष्ट ने रिवर्स पलायन का बेहतरीन नमूना पेश किया है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - टीम उत्तराखंड के इस क्रिकेटर को मुंबई इंडियन से आया बुलावा, सचिन तेंदुलकर भी हुए फैन
गंगोलीहाट मे रहने वाले गोविंद सिंह बिष्ट ने 15 साल शहर में बिताये। वो 15 सालों तक मुंबई-देहरादून में अलग-अलग न्यूज चैनलों में बतौर कैमरामैन काम करते रहे। पांच साल तक देहरादून भी रहे, पर शहर में मन नहीं लगा। फिर गोविंद वापस अनपे गांव लौट आए, और गांव की सूरत बदलने के लिए चुनाव लड़ने की ठानी। पर उनके गांव की सीट महिला सीट घोषित हो गई, जिसके बाद उनकी पत्नी ने चुनाव लड़ा, और पहली ही कोशिश में अपने करीबी विरोधी को 27 वोटों से हराने में कामयाब रहीं। गोविंद सिंह बिष्ट ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी गांव को आदर्श गांव बनाना चाहते हैं। गांववालों ने भी हमें समर्थन दिया। उन्होंने जो भरोसा हम पर जताया है, उसे हम टूटने नहीं देंगे। गांव का विकास ही हमारी पहली प्राथमिकता है।