देहरादून: दून की खूबसूरत वादियां वन्यजीवों ही नहीं बल्कि विदेशी परिंदों का भी घर है। विदेशी परिंदे हर साल सात समंदर पार का सफर तय कर देहरादून पहुंचते हैं। यहां आकर सिर्फ सैलानियों ही नहीं, परिंदों को भी सुकून मिलता है। दून का आसन बैराज इन दिनों सुर्खाब पक्षियों की चहचहाट से गुलजार है। देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व आसन वेटलैंट में सैकड़ों सुर्खाब पक्षी प्रवास के लिए पहुंचे हैं। आसन झील परिंदों से गुलजार है, जिन्हें देखने के लिए बर्ड वॉचर दूर-दूर से आ रहे हैं। आसन बैराज के पास इन दिनों विदेशी परिंदों के साथ ही पर्यटकों का भी जमघट लगा है। पर्यटक इन खूबसूरत पक्षियों को निहारने और उन्हें कैमरे में कैद करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। इस वक्त आसन बैराज में करीब तीन हजार परिंदे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सुर्खाब हैं। सुर्खाब के साथ-साथ ग्रे लेग गीज और कॉरमोरेंट जैसी लगभग 22 प्रजातियों के परिंदे देहरादून स्थित आसन बैराज में आराम फरमाने पहुंचे हैं।
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आसन झील में कॉमन पोचार्ड, टफ्ड, गैडवाल, रेड नेप्ड आइबीज, कॉमन कूट, स्पॉट बिल्ड डक जैसे पक्षियों के दर्शन हो रहे हैं। इनके अलावा जिस एक पक्षी का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वो है पलाश फिश इगल, दुर्लभ प्रजाति का ये पक्षी नवंबर तक दून पहुंच जाता है, पर इस बार आधा नवंबर बीत जाने के बाद भी फिश ईगल के दर्शन नहीं हुए। आसन वेटलैंड में अक्टूबर से मार्च तक विदेशी परिंदों का प्रवास रहता है। साल 2015 से 2019 तक दून आने वाले पक्षियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। जिस पक्षी को देखने के लिए लोग सबसे ज्यादा उत्सुक रहते हैं वो है सुर्खाब। अलग-अलग जगहों पर इन्हें चकवा, चकवी, नग, लोहित, चक्रवात और केसर जैसे नामों से भी जाना जाता है। सुर्खाब पक्षी उम्रभर के लिए जोड़ा बनाते हैं। इनके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध है। अगर आप भी सुर्खाब पक्षी को करीब से निहारना चाहते हैं तो दून घाटी चले आइए, यकिन मानिए यहां आकर आप कतई निराश नहीं होंगे।