उत्तराखंड पिथौरागढ़Lalit upreti changed their life by mushroom and flower farming

शाबाश भुला..अमेरिकी कंपनी की नौकरी छोड़ गांव लौटे ललित, अब फूल और मशरूम से शानदार कमाई

ललित अमेरिकी कंपनी में जॉब करते थे, पर पहाड़ से प्यार उन्हें गांव खींच लाया। ललित ने स्वरोजगार से अपने साथ-साथ गांव के कई युवाओं की जिंदगी बदल दी...

mushroom farming: Lalit upreti changed their life by mushroom and flower farming
Image: Lalit upreti changed their life by mushroom and flower farming (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पलायन पहाड़ के माथे पर कलंक सरीखा है। ये सच है कि लोग रोजगार के लिए घर-पहाड़ छोड़ रहे हैं, पर कुछ युवा ऐसे भी हैं जो पहाड़ लौटकर अपने गांव-धरती को आबाद करने की मुहिम छेड़े हुए हैं। ऐसे ही युवाओं में से एक हैं 38 साल के ललित उप्रेती। पिथौरागढ़ में रहने वाले ललित ने गांव में रहने के लिए अमेरिकी कंपनी की नौकरी छोड़ दी। आज ललित मशरूम, सब्जी और डेयरी व्यवसाय से हर महीने 40 हजार रुपये तक कमा रहे हैं। ललित ने स्वरोजगार से जुड़कर गांव के दूसरे युवाओं को भी रोजगार दिया है। गंगोलीहाट मे एक गांव है कुंजनपुर, ललित यहीं रहते हैं। ललित अमेरिकी कंपनी में जॉब कर रहे थे। तनख्वाह थी 80 हजार रुपये प्रतिमाह, पर उनका मन गांव में ही लगा रहा। ललित पिछले सात साल में 12 देशों में काम कर चुके हैं, नौकरी से रुपये तो मिल रहे थे, पर फिर भी गांव की याद उन्हें हमेशा सताया करती थी।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: घर के बाहर खेल रहा मासूम बच्चा अचानक गायब, अपहरण का शक
इसी बीच ललित ने मशरूम गर्ल दिव्या रावत की स्टोरी पढ़ी। दिव्या की सफलता से ललित इस कदर प्रभावित हुए कि तुरंत शहर की नौकरी छोड़ गांव लौट आए। इसी साल मई में उन्होंने फूलों और मशरूम की खेती शुरू की, जिससे उन्हें फायदा हुआ। अब वो सिर्फ फूल ही नहीं मशरूम, दुग्ध और सब्जी उत्पादन से हर महीने करीब 40 हजार रुपये तक कमा रहे हैं। वो ग्लेडियस फूल की खेती करते हैं। ग्लेडियस की एक स्टिक 10 रुपये की तो हजारी के फूल 60-70 रुपये प्रति किलो में बिक जाते हैं। उनका अगला लक्ष्य अपनी 50 नाली भूमि में फूलों की खेती करना है। ललित ने स्वरोजगार अपना कर गांव के 5 युवाओं को रोजगार दिया है, साथ ही वो बेरोजगारों को पलायन बंद कर स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।