उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालNandita kala became judge

पौड़ी गढ़वाल की होनहार छात्रा बनी जज, गरीबों को न्याय दिलाने के लिए करेंगी काम

नंदिता की गिनती होनहार छात्राओं में होती है। वो गढ़वाल विश्विद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम 2019 की स्वर्ण पदक विजेता भी रही हैं..

Nandita kala: Nandita kala became judge
Image: Nandita kala became judge (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ की बेटियों ने उत्तराखंड न्यायिक सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। इन्हीं होनहार बेटियों में से एक हैं पौड़ी की छात्रा नंदिता काला, जिन्होंने उत्तराखंड न्यायिक सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का मान बढ़ाया है। नंदिता की गिनती होनहार छात्राओं में होती है। वो गढ़वाल विश्विद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम 2019 की स्वर्ण पदक विजेता भी रही हैं। पीसीएस-जे में उन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। अब वो जज बनकर देश की सेवा करेंगी। नंदिता ने अपना लक्ष्य तय कर लिया है। वो कहती हैं कि आज भी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इंसाफ नहीं मिल पाता। उनका लक्ष्य ऐसे लोगों को न्याय दिलाना है। न्यायिक सेवा में आने की प्रेरणा नंदिता को अपने माता-पिता से मिली। वो कहती हैं कि परिवार का सहयोग ना मिला होता तो शायद वो अपन सपना साकार नहीं कर पातीं।

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यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल और पौड़ी परिसर के निदेशक प्रो. आरएस नेगी ने भी नंदिता की उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्हें बधाई दी। चलिए अब आपको नंदिता के बारे में थोड़ा और बताते हैं। नंदिता पौड़ी के सुमाड़ी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने साल 2019 में गढ़वाल यूनिवर्सिटी के पौड़ी परिसर से एलएलएम पाठ्यक्रम पूरा किया था। बीते 1 दिसंबर को नंदिता को एलएलएम पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक हासिल करने पर स्वर्ण पदक भेंट किया गया। नंदिता के पिता प्रो. राकेश काला गढ़वाल विवि पौड़ी परिसर के राजनीतिशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर तैनात हैं। माता गीता काला भी शिक्षिका हैं। नंदिता की प्राथमिकता गरीबों की सेवा और उन्हें न्याय दिलाना है। उनकी सफलता पहाड़ की दूसरी बेटियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से भी नंदिता को ढेरों बधाई।