उत्तराखंड टिहरी गढ़वालKhushiram made agriculture the basis of progress at tehri

पहाड़ के खुशीराम से सीखेगी दुनिया.. खेती किसानी से हो रहा है 7 लाख का मुनाफा

खुशीराम जैसे लोग ही पहाड़ के असली रोल मॉडल हैं, जो कि स्वरोजगार से पलायन को मात दे रहे हैं, पहाड़ को समृद्ध बना रहे हैं..

Khushiram dabral: Khushiram made agriculture the basis of progress at tehri
Image: Khushiram made agriculture the basis of progress at tehri (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: खेती-किसानी में कुछ नहीं रखा, ये लाइन हम अक्सर सुनते हैं। पर ये सच नहीं है। पहाड़ में ऐसे कई लोग हैं जो इसी खेती-किसानी को अपनाकर लखपति बन गए हैं। हर साल लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। अब नई टिहरी के खुशीराम डबराल को ही देख लें। खुशीराम अपनी 80 नाली जमीन पर नकदी फसलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। इस साल वो अब तक 7 लाख रुपये की सब्जियां बेच चुके हैं। खेती से खुद भी मुनाफा कमा रहे हैं और गांव के युवा-महिलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं। राज्य समीक्षा सफलता की ऐसी ही कहानियों को आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, ताकि पलायन रुके। हमारे गांव-खेतों का संरक्षण हो। इसी कड़ी में हम खुशीराम डबराल की कहानी लेकर आए हैं। टिहरी के चंबा ब्लॉक में एक गांव है चोपड़ियाल, 53 साल के खुशीराम इसी गांव में रहते हैं। उनका परिवार खेती से जुड़ा है, इसीलिए इंटर के बाद उन्होंने खेती को ही रोजी का जरिया बनाया।

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साल 2002 में उन्होंने असिंचित भूमि में नकदी फसलें उगाना शुरू किया और आज उनकी गिनती क्षेत्र के समृद्ध किसानों में होती है। पिछले साल तक वो सब्जियां बेचकर 5 लाख रुपये सालाना कमाते थे, इस बार उनकी आमदनी में दो लाख का इजाफा हुआ है। खुशीराम अपने खेतों में शिमला मिर्च, ब्रोकली, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, राजमा जैसी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। हाल ही में उन्हें इंडियन सोसायटी ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसोर्स ऑफ डेवलपमेंट ने देवभूमि बागवानी पुरस्कार से नवाजा। खुशीराम खेती के जरिए गांव की महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं। हर महिला एक सीजन में 40 हजार रुपये तक कमा लेती है। लोग उनसे आधुनिक खेती का प्रशिक्षण लेते हैं और अब तो गांव के दूसरे परिवार भी नकदी फसलें उगाने लगे हैं। खुशीराम जैसे लोग ही पहाड़ के असली रोल मॉडल हैं, जो कि स्वरोजगार और मेहनत के दम पर पलायन को मात दे रहे हैं, पहाड़ को समृद्ध बना रहे हैं। ऐसे लोगों को हमारा सलाम..