उत्तराखंड देहरादूनState universities to adopt village in rural areas

पहाड़ में बनेंगे 11 स्मार्ट विलेज.. गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार के लिए अच्छी खबर

राज्य के सभी 11 विश्वविद्यालय स्मार्ट ग्राम योजना से जुड़कर दूरस्थ इलाकों में स्थित गांवों को गोद लेंगे...

Dehradun: State universities to adopt village in rural areas
Image: State universities to adopt village in rural areas (Source: Social Media)

देहरादून: पहाड़ के गांव अब विलेज नहीं, स्मार्ट विलेज के तौर पर पहचाने जाएंगे। स्मार्ट विलेज में पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधाएं होंगी। शिक्षा के जरिए आजीविका के अवसर पैदा किए जाएंगे। लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा...और ये जिम्मेदारी निभाएंगे उत्तराखंड के विश्वविद्यालय। राज्य के सभी 11 विश्वविद्यालय स्मार्ट ग्राम योजना से जुड़कर दूरस्थ इलाकों में स्थित गांवों को गोद लेंगे। हर यूनिवर्सिटी को एक गांव को गोद लेना होगा। दरअसल उत्तराखंड में स्मार्ट विलेज मॉडल विकसित किये जाने के प्रयास हो रहे हैं। इस संबंध में गुरुवार को राजभवन में एक बैठक हुई, जिसमें सभी यूनिवर्सिटीज के कुलपति और शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में दूरस्थ गांवों को स्मार्ट विलेज के तौर पर विकसित करने का फैसला लिया गया। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि यूनिवर्सिटी की लैब में विकसित होने वाली नई तकनीकों और शोध का फायदा गांवों को मिलना चाहिए। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन से दूरस्थ गांवों को गोद लेने और इन्हें स्मार्ट गांव के तौर पर विकसित करने के निर्देश दिए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - पहाड़ में बनेंगे क्रिकेट के शानदार मैदान, BCCI की तरफ से मिली बड़ी खुशखबरी
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय लैब टू लैंड ट्रांसफर की नीति पर गंभीरता से काम करें। ताकि लैब में विकसित होने वाली तकनीकें दूरस्थ गांवों तक पहुंचे। नई तकनीकों का इस्तेमाल ग्रामीणों की समृद्धि के लिए होना चाहिए। बैठक में यूनिवर्सिटी के खाली पदों को भरने पर भी चर्चा हुई। राज्यपाल ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में रोस्टर सिस्टम लागू किया जाए। ताकि शैक्षिक और शिक्षणेत्तर खाली पदों को जल्द भरा जा सके। राज्य के विश्वविद्यालयों में इंटर यूनिवर्सिटी खेल प्रतियोगिताएं फिर से शुरू की जाएं। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए कॉमन एक्ट प्रस्तावित है। तीन महीने के भीतर सभी यूनिवर्सिटीज में 872 असिस्टेंट प्रोफेसरों के खाली पद भर दिए जाएंगे। राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए प्रयासरत है। बैठक में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने छात्रों को डिग्री देने में देरी करने वाले कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।