उत्तराखंड पिथौरागढ़Truck driver stuck in the snow

देवभूमि के बृजेश को सलाम..पहले बर्फ में फंसे मां-बेटों को बचाया, अब एक शख्स को दी नई जिंदगी

ट्रक चालक दीवान सिंह ने बताया कि वो जीने की आस छोड़ चुके थे, बृजेश और उनके साथी समय पर नहीं पहुंचे होते तो वो बच नहीं पाते...

Munsiyari: Truck driver stuck in the snow
Image: Truck driver stuck in the snow (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: मतलब की इस दुनिया में सब खुद में खोये रहते हैं। हम इंसान के चांद पर पहुंचने की कहानियां गढ़ रहे हैं, पर सच तो ये है कि हमारे पास सड़क पार कर पड़ोसी के घर जाने तक का वक्त नहीं है। ऐसे मुश्किल दौर में भी पहाड़ में बृजेश धर्मशक्तू जैसे लोग मौजूद हैं, जो कि लोगों की जान बचा कर इस बात को साबित कर रहे हैं, कि दुनिया में इंसानियत अभी जिंदा है। आपको याद होगा मंगलवार को मुनस्यारी में एक मां और उसके दो बच्चे बर्फबारी में बुरी तरह फंस गए थे। इन तीनों की मदद के लिए बृजेश धर्मशक्तू देवदूत बनकर आए और बर्फ में फंसे तीनों लोगों को कैंप तक पहुंचाया था। गुरुवार को उन्होंने थल-मुनस्यारी रोड पर फंसे एक ट्रक चालक की जान बचाई। ये ट्रक चालक पिछले तीन दिन से बर्फबारी के बीच फंसा था। ठंड की वजह से उसकी हालत खराब थी। वो पिछले कई दिनों से भूखा था। इस बात की खबर बृजेश धर्मशक्तू तक भी पहुंची। उन्हें पता चला कि थल-मुनस्यारी रोड पर सबसे ऊंचाई वाले इलाके बिटलीधार में एक ट्रक चालक पिछले तीन दिन से फंसा है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड के ऋषभ पंत ने उर्वशी रौतेला को किया ब्लॉक, जानिए क्या है ये नया बवाल
कोश्यारी ट्रांसपोर्ट का ये ट्रक मुनस्यारी जा रहा था, पर रास्ते में भारी बर्फबारी हो गई। जिससे ट्रक के पहिए थम गए। ट्रक का चालक दीवान सिंह ट्रक में फंसकर रह गया। बिटलीधार में चार से पांच फीट तक बर्फ जम चुकी थी। दीवान सिंह की हालत खराब होने लगी। उसके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं था। वो तीन दिन तक भूखा-प्यासा रहा। ये बात दो किलोमीटर दूर इको पार्क में रहने वाले बृजेश धर्मशक्तू को पता चली तो वो अपने साथियों संग बिटलीधार के लिए निकल पड़े, ताकि ट्रक चालक की मदद कर सकें। इस दौरान बचाव दल के लोगों को दो किलीमीटर का रास्ता पार करने में पांच घंटे लगे। लेकिन आखिरकार बचाव टीम ट्रक तक पहुंच ही गई और दीवान सिंह को ट्रक से निकाल कर इको पार्क ले आई। ट्रक चालक दीवान सिंह ने बताया कि वो जीने की आस छोड़ चुके थे। बृजेश और उनके साथी समय पर नहीं पहुंचे होते तो वो बच नहीं पाते। उन्होंने बृजेश और उनकी टीम का आभार जताया। बृजेश धर्मशक्तू और उनकी पूरी टीम को राज्य समीक्षा का सलाम...जहां हमारा सरकारी सिस्टम फेल हो जाता है, वहां बृजेश धर्मशक्तू जैसे लोग सेवा और इंसानियत कि मिसाल कायम कर रहे हैं, ऐसे लोगों की जितनी तारीफ की जाए कम है।