देहरादून: उत्तराखंड में बिजली विभाग के कर्मचारियों को अब सस्ती बिजली नहीं मिलेगी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद ऊर्जा निगम ने बिजली कर्मचारियों के लिए बिजली उपभोग की दरें और यूनिट तय कर दी हैं। नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। इस फैसले से प्रदेश के 7,675 कर्मचारियों और पेंशनरों पर असर पड़ेगा। इस वक्त बिजली विभाग के 7,675 कर्मचारी और पेशनर्स रियायती दरों पर बिजली हासिल कर रहे हैं। इनकी जरूरतें पूरी करने के लिए हर महीने तकरीबन 2.5 मिलियन यूनिट बिजली खर्च होती है। इसके खिलाफ 6 महीने पहले हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ऊर्जा निगम से सस्ती बिजली देने पर रोक लगाने को कहा था। साथ ही फिक्स चार्ज और यूनिट के उपभोग का स्लैब तैयार करने के आदेश भी दिए थे। एक महीने की कसरत के बाद ऊर्जा निगम ने बिजली कर्मचारियों के लिए विद्युत उपभोग की दरें और यूनिट तय कर दीं। इसके मुताबिक विभिन्न संवर्गों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अब साल में निर्धारित यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करने पर बढ़ी हुई यूनिट पर आम उपभोक्ता की तरह शुल्क देना होगा।
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किस पद के लिए कितना फिक्स चार्ज और विद्युत यूनिट तय की गई है, ये भी बताते हैं। महाप्रबंधक और समान संवर्ग के लिए फिक्स चार्ज 425 से बढ़ाकर 640 कर दिया गया है। साथ ही 9000 यूनिट तय की गई हैं। उप महाप्रबंधक और समान संवर्ग के लिए फिक्स चार्ज 350 से बढ़ाकर 525 कर दिया गया है, यूनिट 8000 है। इसी तरह सहायक अधिशासा अभियंता, जेई और समान वर्ग के साथ-साथ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए भी प्रतिमाह फिक्स चार्ज और सालाना यूनिट स्लैब तय हो गया है। बिजली कर्मचारियों को अब सस्ती बिजली नहीं मिलेगी। तय यूनिट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर उन्हें भी आम उपभोक्ताओं की तरह बिजली बिल का भुगतान करना होगा। आपका बता दें कि इस वक्त ऊर्जा के तीनों निगम यूजेवीएन लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन उत्तराखंड लिमिटेड और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनर्स को रियायती दरों पर बिजली देने की सुविधा है। जल्द ही सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों के घर बिजली मीटर लग जाएंगे। मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की तरफ से फिक्स चार्ज बढ़ाने और यूनिट की सीमा तय करने का निर्णय लिया गया है। जिसे एक अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा।