देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी दफ्तरों के हाल बुरे हैं। कहने को सरकारी दफ्तरों में बोर्ड लगे होते हैं, जिन पर लिखा होता है कि रिश्वत लेना और देना अपराध है, पर सच यही है कि जब तक अधिकारियों-कर्मचारियों की जेब गर्म ना करो, तब तक सरकारी ऑफिस में कोई काम नहीं होता। देहरादून में भी ऐसा ही हो रहा था। सर्वे कानूनगो जमीन के कागजात ठीक करने के लिए घूस ले रहे थे। सर्वे कानूनगो ने एक रिटायर्ड फौजी से भी घूस मांगी, पर इस बार घूस के साथ-साथ अच्छा सबक भी मिल गया। रिटायर्ड फौजी की शिकायत पर विजिलेंस ने सर्वे कानूनगो किशन सिंह नेगी को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। विजिलेंस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि सेवानिवृत्त फौजी की तरफ से एक शिकायत मिली थी। जिसमें उसने बताया कि पटेलनगर स्थित बंदोबस्त कार्यालय का सर्वे कानूनगो किशन सिंह नेगी उनसे जमीन के दस्तावेजों में हुई मामूली गलती सुधारने के लिए पांच हजार रुपये मांग रहा है।
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पीड़ित ने बताया कि उसने कुछ समय पहले बालावाला में एक जमीन खरीदी थी, जिसका दाखिल-खारिज भी हो चुका है। इसी दौरान गलती से दस्तावेज में भूखंड का रकबा काफी कम चढ़ गया। पिता का नाम थान सिंह रावत की जगह धान सिंह रावत लिख दिया गया। यही गलती सुधारने के लिए वो सर्वे कानूनगो किशन सिंह के पास गए थे। इस पर कानूनगो ने पहले तो उन्हें काफी दौड़ाया। बाद में कहने लगा कि 5 हजार रुपये दो काम हो जाएगा। शिकायत सही पाए जाने पर विजिलेंस ने जाल बिछाया और आरोपी सर्वे कानूनगो किशन सिंह को रिश्वत की रकम लेते दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने उसके कालसी स्थित घर की तलाशी भी ली, जहां से बैंक खातों और जमीन संबंधी कुछ दस्तावेज मिले। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस की जांच जारी है।