उत्तराखंड देहरादूनTigmanshu dhulia will open film and acting institute in Uttarakhand

अवॉर्ड विनिंग गढ़वाली फिल्म बनाना चाहते हैं ये दिग्गज डायरेक्टर, खोलेंगे एक्टिंग इंस्टीट्यूट

नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्म डॉयरेक्टर तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि हमें उत्तराखंड में मलयालम, मराठी और दूसरी भाषाओं जैसी अवॉर्ड विनिंग फिल्में बनानी होंगी। सरकार फंड दे तो मैं पहाड़ी फिल्में बनाने के लिए तैयार हूं...

तिग्मांशु धूलिया: Tigmanshu dhulia will open film and acting institute in Uttarakhand
Image: Tigmanshu dhulia will open film and acting institute in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया अब आंचलिक सिनेमा के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं। इसके लिए वो योजना बना रहे हैं। फिल्म डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया नेशनल अवॉर्ड विनर हैं। उन्होंने पान सिंह तोमर, साहेब बीवी और गैंगस्टर, बुलेट राजा जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया है। इसके अलावा वह कई फिल्मों में अपने अभिनय से लाखों दिलों को जीत चुके हैं। इन दिनों मसूरी आए तिग्मांशु धूलिया ने उत्तराखंड में सिनेमा समेत कई मुद्दों पर बात की। वो उत्तराखंड में फिल्म और एक्टिंग इंस्टीट्यूट खोलेंगे। जिसके लिए जमीन तलाशने का काम चल रहा है। इंस्टीट्यूट के लिए देहरादून उपयुक्त है। कनेक्टिविटी को देखते हुए उनका फोकस दून के नजदीकी इलाकों पर है। इस मौके पर उन्होंने आंचलिक सिनेमा पर भी बात की। तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि ये बड़े अफसोस की बात है कि आज भी उत्तराखंड में गढ़वाली-कुमाऊंनी की अच्छी फिल्में नहीं बनतीं। जो कुछ फिल्में बनी हैं उनमें से ज्यादातर हिंदी फिल्मों की नकलभर हैं।

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समय बदल गया है, इसीलिए लीक से हटकर सोचना होगा। अच्छी फिल्में बनानी होंगी, तभी लोग आंचलिक सिनेमा की तरफ मुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार फंड की व्यवस्था करे तो मैं फिल्म बनाने के लिए तैयार हूं। मराठी, मलयालम और बंगला की तरह हमें भी अवॉर्ड विनिंग फिल्में बनानी होंगी। फिल्म डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया उत्तराखंड में फिल्म और एक्टिंग इंस्टीट्यूट खोलने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सिंगापुर की एक कंपनी इंस्टीट्यूट में निवेश के लिए तैयार है। इंस्टीट्यूट में युवाओं को एक्टिंग, टीवी और फिल्म के तकनीकी पहलुओं की प्रोफेशनल ढंग से जानकारी दी जाएगी। वो डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशन जैसी जरूरी चीजें सीखेंगे। उन्होंने कहा कि शक्ल-सूरत ठीक होने का ये मतलब नहीं कि आप हीरो बन जाओगे। हर दिन हजारों लोग हीरो बनने की चाह में मुंबई आते हैं, जिनमें से 99 फीसदी लोग एक्टिंग के बारे में कुछ नहीं जानते। उत्तराखंड में खुलने वाला इंस्टीट्यूट युवाओं की एक्टिंग स्किल निखारेगा। उन्हें प्रोफेशनल तरीके से एक्टिंग और फिल्म निर्माण संबंधी जानकारी दी जाएगी।