अल्मोड़ा: कोरोना वायरस...दहशत का दूसरा नाम। दुनिया के 114 देश इससे प्रभावित हैं। इस जानलेवा बीमारी ने भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। यहां अब तक कोरोना वायरस के 40 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना संक्रमित एक मरीज की जान जा चुकी है। उत्तराखंड Coronavirus Uttarakhand समेत सभी राज्य अलर्ट पर हैं। दुनिया का कोई भी देश इसके इलाज के लिए दवा नहीं खोज पाया है, लेकिन इसी बीच एक न्यूज वेबसाइट की खबर आई है कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक दवा फैक्ट्री में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए दवा बनाई जा रही है। वेबसाइट के मुताबिक कमाल की बात यह है कि ये दावा उत्तराखंड सरकार ने नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की सरकार ने किया है। मध्य प्रदेश सरकार ने अल्मोड़ा की दवा फैक्ट्री में बनने वाली दवाएं भी मंगवाई हैं। दावा है कि अल्मोड़ा के मोहान में स्थित आईएमपीसीएल दवा फैक्ट्री में बनने वाली कुछ दवाएं कोरोना वायरस को खत्म करने की ताकत रखती हैं। आईएमपीसीएल का दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना वायरस शुरुआती दौर में ही मर जाता है। आईएमपीसीएल के मुख्य प्रबंधक मनजीत सिंह ने बताया कि उन्हें मध्य प्रदेश सरकार से एक पत्र मिला है। जिसमें उनसे यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ मंगाई गई हैं। आगे भी पढ़िए
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ये तीनों दवाएं आईएमपीसीएल में सालों से बन रही रही हैं। दावा किया गया है कि ये तीनों दवाएं कोरोना वायरस को रोकने में कारगर साबित हो सकती हैं। मध्य प्रदेश के संचालनालय आयुष की सहायक संचालक डॉ. वंदना बोराना के पत्र से इस बात कि पुष्टि हुई है कि ये दवाइयां मध्य प्रदेश के 28 जिलों के सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ सेंटर में सप्लाई की जाएंगी।
मध्य प्रदेश सरकार ने 35 लाख 50 हजार रुपये की दवाइयों का ऑर्डर दिया है। कोरोना Coronavirus Uttarakhand के संदिग्ध मरीजों को इन दवाओं का सेवन कराया जाएगा। हैरानी की बात ये है कि उत्तराखंड में बन रही दवाओं की जो खूबियां हमें पता होनी चाहिए, उनके बारे में हमें दूसरे राज्यों से पता चल रहा है। वहीं आईएमपीसीएल के जनरल मैनेजर पनीराम आर्य ने कहा कि फैक्ट्री में इन दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है, दूसरे राज्यों की सरकारों को अगर इन दवाओं की जरूरत पड़ेगी तो उन्हें भी दवाइयों की आपूर्ति की जाएगी।