उत्तराखंड देहरादूनCoronavirus Uttarakhand:Graphic era university good work to prevent uttarakhand from coronavirus

देहरादून के ग्राफिक एरा का नेक काम, कोरोना क्वॉरेन्टाइन के लिए 60 कमरे देने को तैयार

एक बार फिर से देहरादून की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी द्वारा नेक काम किया जा रहा है। कोरोना क्वॉरेन्टाइन के लिए ये यूनिवर्सिटी 60 कमरे देने को तैयार है।

Coronavirus Uttarakhand: Coronavirus Uttarakhand:Graphic era university good work to prevent uttarakhand from coronavirus
Image: Coronavirus Uttarakhand:Graphic era university good work to prevent uttarakhand from coronavirus (Source: Social Media)

देहरादून: एक कहावत है न कि नेक काम में देरी कैसी? खासतौर पर जब दुनिया एक महामारी के संकट से जूझ रही हो, तो उसे रोकने के लिए नेक काम में देरी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। कोरोना इस वक्त देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए बड़ा सवाल बन गया है। उत्तराखंड में कोरोना वायरस धीरे धीरे अपने तेवर दिखाने लगा है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कैसे इस पर लगाम लगाई जाए। प्रदेश में अभी उतने क्वॉरेन्टाइन रुम नहीं हैं कि इस महामारी पर सही तरह से लगाम लगाई जा सके। दरअसल बाहर से भी लोग लगातार उत्तराखंड आ रहे हैं और उन्हें बिना क्वॉरेन्टाइन किए उनके गांव भेजना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में देहरादून की ग्राफिक एरा यूनिवरसिटी आगे आई है और उत्तराखंड सरकार को एक पत्र भेजा है। पत्र में लिखा गया है कि ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी लोगों को क्वॉरेन्टाइन करने के लिए अलग से आवासीय व्यवस्था ला रही है। क्वॉरेन्टाइन किए जाने वाले लोगों के लिए ग्राफिक एरा 60 कमरे देने के लिए तैयार है।

  • भेजा है ये पत्र

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    वैसे ऐसा पहली बार नहीं है, जब ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी ऐसे नेक काम के लिए आगे आई हो। उत्तरकाशी में साल 2012 की दैवीय आपदा और साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा इस बात का उदाहरण भी हैं। उस वक्त भी लोगों की मदद के लिए ग्राफिक एरा के स्वयंसेवी आगे आए थे।

  • ऐसे नेक काम होने चाहिए

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    एक बार फिर से उत्तराखंड को कोरोना जसी महामारी से निजात दिलाने के लिए ग्राफिक एरा ने नेक काम किया है। राज्य समीक्षा की टीम ऐसे कर्मठ लोगों को सलाम करती है।