देहरादून: ये बात सच है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। WHO ही नहीं बल्कि दुनियाभर के तमाम मुल्कों ने भारत की इस तैयारी की जमकर तारीफ की है। अब विश्व के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका ने भी भारत से कोरोना वायरस को मात देने की कारगर दवा की डिमांड की है। हालांकि इस पर फैसला भारत को लेना है और अभी तक भारत ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। खैर..ये दवाएं हैं हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और कोलोगिन फ़ॉस्फ़ेक्ट लेरियागो टेबलेट। आपको जानकर खुशी होगी कि ये दवाएं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में काफी वक्त से तैयार हो रही हैं। सेलाकुई स्थित सिडकुल में इन दवाओं का काफी वक्त से प्रोडक्शन हो रहा है। अमेरिका के विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सबसे ज्यादा कारगर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और कोलोगिन फ़ॉस्फ़ेक्ट लेरियागो टेबलेट हैं। हालांकि भारत में ये दवाएँ मलेरिया के रोगियों के लिए इस्तेमाल होती हैं क्योंकि भारत में काफी ज्यादा मलेरिया के केस सामने आते रहते हैं।
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लॉकडाउन के चलते फिलहाल सभी कंपनियों में काम बंद है लेकिन खबर है कि सेलाकुई के सिडकुल की एक कंपनी इप्का को खोला गया है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और कोलोगिन फ़ॉस्फ़ेक्ट लेरियागो टेबलेट तैयार करने के लिए इस कम्पनी को खोला गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कपनी के प्लांट हेड गोविन्द बजाज ने इस बारे में कुछ बातें बताई हैं। उनकी मानें तो प्लांट को खोलने में कामगारों को काफी परेशानी आ रही हैं फिलहाल देहरादून पुलिस द्वारा सभी कामगारों को मदद पहुंचाई जा रही है। इसके साथ ही कामगारों के आने-जाने की पूरी व्यवस्था भी की जा रही है। देश की जरूरत को पूरा करने के लिए कम्पनी के सभी कर्मचारी 24-24 घंटे ड्यूटी में लगे हैं। खबर है कि करीब 300 कर्मचारी से काम लिया जा रहा है।