देहरादून: उत्तराखंड में अफवाह फैलाने वालों की कमी नहीं है। अब सवाल ये है कि आखिर इन अफवाह फैलाने वालों पर रोक कैसे लगाई जाए? कोरोना वायरस को लेकर लोग सोशल मीडिया और अलग अलग प्लेटफॉर्म के जरिए अफवाह फैलाने में लगे हैं लेकिन अब ऐसे लोगों की खैर नहीं। उत्तराखंड पुलिस के डीजी लॉ एंड ऑर्डर (DG Law and Order ashok kumar) अशोक कुमार ने कहा है कि यदि प्रदेश में कहीं भी कोई भी व्यक्ति किसी भी माध्यम से कोई अफवाह फैलाता है और उस अफवाह की वजह से लोक व्यवस्था और शांति व्यवस्था प्रभावित होती है। तो ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। अब सवाल ये है कि आखिर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून क्या कहता है। आगे जानिए
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राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 यानी देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। ये सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है।
रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून देश की सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित है। अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है।
अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को चलाने में बाधा बन रहा है, तो उसे हिरासत में लेने का आदेश दिया जा सकता है। NSA के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। उत्तराखंड पुलिस के डीजी लॉ एंड ऑर्डर (DG Law and Order ashok kumar) अशोक कुमार ने भी अब बड़ा ऐलान कर दिया है।