उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वालGarhwal university online course in top 30 courses in the world

गर्व है…गढ़वाल यूनिवर्सिटी का ऑनलाइन कोर्स विश्व के टॉप 30 पाठ्यक्रम में शामिल

लॉकडाउन में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के ऑनलाइन एकेडेमिक राइटिंग कोर्स ने विश्व के टॉप 30 पाठ्यक्रमों में अपनी जगह बना कर उत्तराखंड का नाम विश्व-भर में ऊंचा किया है।

Garhwal University: Garhwal university online course in top 30 courses in the world
Image: Garhwal university online course in top 30 courses in the world (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: कोरोना की टेंशन के बीच एक ऐसी खबर आई है जिसको पढ़कर आप भी गर्वित हो उठेंगें। गढ़वाल विश्वविद्यालय की बदौलत उत्तराखंड का नाम अब विश्व भर में ऊंचा हो रहा है। कोरोना की वजह से चल रहे लॉकडाउन के कारण सब लोग घरों में कैद हो रखे हैं। ऐसे में सभी स्कूल और विश्वविद्यालय ऑनलाइन पढ़ाई के ऊपर काफी जोर दे रहे हैं, मगर गढ़वाल विश्वविद्यालय का ऑनलाइन शिक्षा पर हमेशा से ही जोर रहता है। गढ़वाल विवि में लॉकडाउन के पहले से ही कई ऑनलाइन कोर्स शामिल हैं। ऐसे में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स में अपनी अलग पहचान बनाई है। जागरण की खबर के मुताबिक गढ़वाल विवि का ऑनलाइन एकेडमिक राइटिंग कोर्स विश्व के टॉप 30 पाठ्यक्रमों में शुमार हुआ है, जिससे साबित होता है कि उत्तराखंड का शिक्षा विभाग किसी से कम नहीं है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: त्रिवेन्द्र कैबिनेट की बैठक में लिए गए 10 बड़े फैसले...2 मिनट में पढ़िए पूरी खबर
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की उच्च शिक्षा के लिए शुरू की गई स्वयं योजना के तहत गढ़वाल विश्विद्यालय ऑनलाईन कोर्स संचालित करता है। इस कोर्स में यूनिवर्सिटी के एक दर्जन विभाग के अनुभवी प्रोफेसर्स और शिक्षकों द्वारा रिकॉर्डेड व्याख्यान सम्मिलित हैं। एकेडेमिक राइटिंग के इस ऑनलाइन कोर्स में अबतक देश और विदेश से 7500 से भी अधिक विद्यार्थियों द्वारा पंजीकरण कराए जा चुके हैं। डॉ. अजय सिमल्टी जो कि गढ़वाल विवि के फार्मेसी विभाग में सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं, बताते हैं कि प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी गढ़वाल विश्वविद्यालय के एकेडेमिक राइटिंग कोर्स को विश्व के टॉप 30 पाठ्यक्रमों में शामिल होने की बात कही है। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल बताती हैं कि डॉ. अजय सिमल्टी इस कोर्स के समन्वयक हैं इसलिए इस उपलब्धि का श्रेय उनको और उनकी टीम को जाता है। यह गढ़वाल विश्विद्यालय और समस्त उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल है।