उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालmp tirath singh rawat raised question on trivendra govt liquor decision

उत्तराखंड: शराब पर अपनों से घिरी त्रिवेन्द्र सरकार, सासंद ने उठाए गंभीर सवाल

त्रिवेंद्र सरकार के अपने मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता शराब की दुकानें खोलने के फैसले पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं। गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए...आगे पढ़िए पूरी खबर

Tirath Singh Rawat: mp tirath singh rawat raised question on trivendra govt liquor decision
Image: mp tirath singh rawat raised question on trivendra govt liquor decision (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड में शराब की दुकानें खुल गईं। शराब के लिए कैसी मारामारी मची, ये भी आपने देखा। अब शराब की दुकानों को खोलने के लिए उत्तराखंड सरकार की किरकिरी भी खूब हो रही है। त्रिवेंद्र सरकार के अपने मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता शराब की दुकानें खोलने पर नाराजगी जता रहे हैं। पौड़ी संसदीय सीट से बीजेपी के सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने साफ कहा कि शराब की दुकानें खुलने से प्रदेश में अशांति फैली है। कहीं ना कहीं इस फैसले से कोरोना महामारी से चल रही जंग भी प्रभावित हो रही है, इस बात को समझने की जरूरत है। जब से शराब की दुकानें खुली हैं, राज्य में अशांति फैलती नजर आ रही है। सांसद तीरथ सिंह रावत ने राज्य सरकार से इस पर विचार करने के लिए कहा है।

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सांसद तीरथ सिंह रावत ऋषिकेश में हुए एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। मुनिकीरेती में हुए कार्यक्रम में सांसद तीरथ सिंह रावत ने नगर पालिका के कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित किया। उन्होंने निकाय के सभी सफाई कर्मियों का फूल मालाओं के साथ सम्मान किया। आपको बता दें कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने भी शराब की दुकानें खोलने के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। इस तरह विपक्षी दलों के साथ-साथ बीजेपी के बड़े नेता भी सूबे में शराब की दुकानें खोलने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल कह चुके हैं कि सरकार को रेवेन्यू से ज्यादा जनता की सेहत का ध्यान रखना होगा। देखने में आया है कि शराब की दुकानों में जमकर भीड़ लगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के मुताबिक इससे कोरोना वॉरियर्स की मेहनत बेकार जा सकती है। इसलिए सरकार को इस आदेश पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। बड़ा सवाल ये है कि क्या सीएम त्रिवेन्द्र इस बारे में कोई फैसला लेंगे?