उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालNew guideline for pravasi uttarakhandi people

उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों के लिए नई गाइडलाइन...सभी जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश

उत्तराखंड सरकार ने प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। सभी जिला अधिकारियों को रैंडम सैंलिंग को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।

pravasi uttarakhandi: New guideline for pravasi uttarakhandi people
Image: New guideline for pravasi uttarakhandi people (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड में इस वक्त हजारों प्रवासी घर लौट चुके हैं। इसके अलावा अभी भी हजारों प्रवासी ऐसे हैं जिन्हें वापस लौटना है। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। सभी जिला अधिकारियों को रैंडम सैंलिंग को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने अपने निर्देशों में कहा है कि दूसरे राज्यों से उत्तराखंड वापस लौट रहे 65 साल के ऊपर के हर शख्स की सैंपलिंग की जाए। इसके अलावा बाहर के प्रदेशों से अपना इलाज करवा कर वापस लौट रहे लोगों की भी कोविड-19 जांच होगी। सैंपलिंग की रिपोर्ट आने तक लोगों को क्वारंटाइन करने का आदेश दिया गया है. देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर और पौड़ी के बॉर्डर पर ही प्रवासियों की रैंडम सैंपलिंग की व्यवस्था करने के आदेश जारी किए गए हैं. आपको बता दें इस वक्त उत्तराखंड में हालात मुश्किल होते जा रहे हैं। उत्तराखंड में अब तक कुल मिलाकर 78 मरीज कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए हैं। सबसे खास बात ये है कि बीते 6 दिन में है अन्य राज्यों से उत्तराखंड आए हुए 15 लोग कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए हैं। आगे पढ़िए

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खासतौर पर देहरादून और उधम सिंह नगर जिले में कल के ही दिन में 6 लोगों में कोरोनावायरस संक्रमण पाया गया था। इनमें से एक 10 साल की बच्ची भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा देहरादून का उदाहरण दिया गया है और कहा गया है कि बीते 48 घंटे में देहरादून जिले में प्रवासी लोगों की रेंडम सेंपलिंग की गई थी। इनमें से 4 प्रवासियों में कोरोनावायरस संक्रमण पाया गया था। सभी जिलाधिकारियों को रैंडम सेंपलिंग के सख्त निर्देश दिए गए हैं। आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण अब उत्तरकाशी और मसूरी जैसे पहाड़ी इलाकों तक पहुंच चुका है। ऐसे में सावधान रहने की बहुत ज्यादा जरूरत है। अभी हजारों प्रासियों को घर लौटना है और इस वजह से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को अपनी कमर कसनी होगी।