पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं, लॉकडाउन का चौथा फेज शुरू होने वाला है। लेकिन लोग ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझ रहे हैं और ना ही लॉकडाउन का। ये लापरवाही उत्तराखंड को बड़े खतरे की तरफ ले जा रही है। मामला पौड़ी गढ़वाल का है। जहां लॉकडाउन के दौरान एक 35 साल की विदेशी महिला ऋषिकेश से स्कूटी पर सवार हो सीधे श्रीनगर गढ़वाल पहुंच गई। रास्ते में महिला को किसी ने नहीं रोका, लेकिन श्रीनगर में पुलिस की सख्ती के बाद महिला को वापस लौटना पड़ा। पूछताछ में विदेशी महिला ने अपना नाम लुआनु अमरो मुनिज बताया, वो ब्राजील की रहने वाली है। पूछताछ में महिला ने बताया कि वो स्कूटी से केदारनाथ-बदरीनाथ जा रही है। खुद को डॉक्टर बताते हुए विदेशी युवती ने स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी पुलिस को दिखाया।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: भीषण हादसे में 20 साल के युवक की मौत, दो बहनों का एकलौता भाई चला गया
घटना गुरुवार शाम की है। कीर्तिनगर पुल के पास पुलिस ने स्कूटी सवार विदेशी युवती को रोका। महिला थाना प्रभारी संध्या नेगी ने विदेशी महिला से पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान महिला के पास लॉकडाउन के दौरान आवाजाही का अनुमति पत्र या पास नहीं मिला। जिस पर पुलिस ने महिला को शहर में दाखिल होने की अनुमति नहीं दी। पुलिसकर्मी नहीं माने तो विदेशी युवती पुलिसकर्मियों से उलझ पड़ी। उसने कहा कि वो डॉक्टर है। बदरीनाथ-केदारनाथ जा रही है। ये भी बताया कि वो पिछले लगभग 4 सालों से महात्मा योगा आश्रम लक्ष्मणझूला तपोवन में रह रही है। बैरियर से आगे ना जाने देने पर युवती ने पुलिसकर्मियों के साथ खूब बहस की, लेकिन पुलिस के सख्त रूख के चलते उसे श्रीनगर गढ़वाल से वापस लौटना पड़ा।