बागेश्वर: उत्तराखंड में लॉकडाउन लगने के साथ ही जंगली जानवरों का खौफ चरम पर आ चुका है। लॉकडाउन के बाद से ही जंगली जानवर बिना किसी खौफ के जंगलों से निकल पर मानव बस्तियों तक आ रहे हैं। केवल इतना ही नहीं वे इंसानों के ऊपर जानलेवा हमले भी कर रहे हैं। उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्रों में गुलदार अपना दबदबा बना चुके हैं। शायद ही ऐसा कोई गांव बचा हो जिसने लॉकडाउन के दौरान गुलदार के दर्शन न करे हों। बागेश्वर में बुधवार की सुबह तकरीबन 4 बजे कोतवाली परिसर में गुलदार आ धमका। वह होटल के सीसीटीवी में कैद हो गया है। वो तो अच्छा हुआ कि उस समय वहां कोई इंसान मौजूद नहीं था। कुछ ही देर में गुलदार नदी की ओर वापस चल पड़ा। वहीं ठाकुरद्वार वार्ड के नीलेश्वर में भी लोग गुलदार के कारण बेहद डरे हए हैं। नीलेश्वर में बीते मंगलवार को दो खूंखार गुलदार एक साथ घुस गए और उन्होंने स्थानीय निवासी केशव दत्त जोशी के पालतू कुत्ते के ऊपर हमला भी कर दिया।
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केशव दत्त ने बताया कि गुलदार काफी बड़े थे और वह तकरीबन रात साढ़े ग्यारह बजे तक उनके आंगन में टहलते रहे। उनका पालतू कुत्ता दरवाजे के समीप सोया हुआ था। दोनों गुलदार ने कुत्ते पर हमला कर दिया जिससे वह जख्मी ही गया। हमले के बाद से ही गांव में हड़कंप मचा हुआ है। पिथौरागढ़ के किरगांव में भी कुछ ऐसा ही हाल है। लोग गुलदार की आवाजाही से दहशत में हैं और घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि गुलदार गांव वाले छोर पर बैठ कर लगातार गुर्राता रहता है जिस वजह से ग्रामीण जंगलों की तरफ नहीं जा पा रहे हैं। गुलदार के बेखौफ बैठे रहने से लोगों के मन में डर बैठ गया है। सुबह लॉकडाउन के कारण और सांझ में गुलदार के कारण वह मजबूरन घरों में कैद हो रखे हैं। यह बेहद गंभीर समस्या है जिसका निवारण करना बेहद जरूरी है।