देहरादून: जिस बात का डर था वही हो रहा है। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों के साथ कोरोना भी पहाड़ चढ़ चुका है। राज्य में पिछले 17 दिन के भीतर कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दोगुना हो गया। पहले जहां कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने में कुछ दिनों का अंतराल हुआ करता था, वहीं अब हर दिन कोरोना के 8-10 मरीज मिलना आम बात हो गई है। उत्तराखंड के लोग प्रवासियों को लेकर डरे हुए हैं। प्रवासियों का दिल से स्वागत नहीं कर पा रहे, ऐसा होना सहज ही है। उत्तराखंड में 3 मई तक कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 61 था। तब लगा था कि हम कोरोना को आसानी से हरा देंगे। लोग भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन-03 में जैसे ही प्रवासियों की राज्य में वापसी हुई। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से उछाल आया। अब पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जैसे पहाड़ी जिलों में भी कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं।
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राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 130 हो गया है। यहां 3 मई से कोरोना के केस बढ़ने शुरू हुए। 4 मई से दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी उत्तराखंड लौटने लगे। इसके बाद 20 मई तक कोरोना संक्रमण के 71 नए मामले सामने आए हैं। बुधवार को उत्तराखंड में 19 कोरोना संक्रमित मरीज मिले, ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि हम कितने बड़े खतरे का सामना कर रहे हैं। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। इसके बाद जमातियों के उत्तराखंड पहुंचते ही संक्रमण के मामले बढ़ने लगे। राज्य सरकार की कोशिशों से इसे कुछ हद तक कंट्रोल भी कर लिया गया था, लेकिन प्रवासियों के लौटने के साथ ही हर सुरक्षा व्यवस्था, हर तैयारी धड़ाम हो गई। उत्तराखंड में अब तक 1 लाख 29 हजार प्रवासी लौटे हैं, खतरा लगातार बना हुआ है। अगर आप भी दूसरे राज्यों से उत्तराखंड लौटे है तो हमारी आपसे अपील है कि क्वारेंटीन नियमों का पालन करें। ट्रैवल हिस्ट्री ना छिपाएं, प्रशासन को सहयोग दें।