रुद्रप्रयाग: एक तरफ कोरोना वॉरियर्स हैं जो जी जान से राज्य में लोगों की जिंदगियां बचाने में जुटे हुए वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हैं जो दिन-प्रतिदिन आत्मनिर्भरता की नई-नई मिसालें पेश करने में लगे हुए हैं। पहाड़ के लोग मेहनत से नहीं डरते। पहाड़ का जीवन इतना कठिन होता है कि पहाड़ी लोग उन कठिनाइयों के बीच खुद को ढाल देते हैं। लॉकडाउन के दौरान कई गांव के लोग अपने-अपने गांवों की सूरत बदलते दिख रहे हैं। खासकर कि नौजवान और औरतें तो गांव को आबाद करने की मुहिम में बढ-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। उत्तराखंड के कुछ गांवों के लोगों ने अपने ऊंचे हौसले, पक्के इरादे से सबको अचंभित कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान टाइम पास करने के तरीके ढूंढने वालों के लिए उदाहरण पेश किया है पौड़ी जनपद के मंगलिया गांव के कुछ युवाओं और महिलाओं ने मिलकर लॉकडाउन के दौरान महज डेढ़ महीने में खुद के बलबूते पर दो किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली। लॉकडाउन के दौरान मिले समय का इससे बढ़िया सदुपयोग आजतक नहीं देखा होगा। आगे पढ़िए
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आपको बता दें कि यमकेश्वर प्रखंड का मंगलिया गांव अभी भी पानी और सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित है। रास्ता बहुत कच्चा था जिसपर वाहनों का आना असंभव था। लॉकडाउन के दौरान गांव में वापसी कर चुके युवकों ने ठानी कि इस लॉकडाउन वे गांव वालों को कम से कम सड़क का सुख तो प्रदान करेगें। सबने एक जुट हो कर पैदल रास्ते को मोटर मार्ग में बदलने का निर्णय लिया। बस फिर क्या था, सभी युवकों ने जी-जान से गांव को आबाद करने की पहल की शुरुआत की। कहते हैं न कि मुश्किल सफर में अकेले शुरुआत करनी पड़ती है, मगर अंत तक आपके पास काफिला होता है। युवकों को कड़ी मेहनत करता हुआ देख कर गांव की औरतों ने भी उनकी इस मुहिम में हाथ बंटाना शुरू किया। महज डेढ़ महीने में युवाओं और महिलाओं के श्रमदान से कच्ची सड़क का अब दो किलोमीटर तक निर्माणकार्य पूरा हो चुका है। आगे भी पढ़िए
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अब करीबन डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माणकार्य और शेष है जिसकी ओर युवा और औरतें जी-जान से जुटे हुई हैं। युवा मंगल दक्ष के अध्यक्ष डॉक्टर ओंकार सिंह ने बताया कि मंगलिया गांव में सड़क और पानी के लिए प्रशासन को कई बार शिकायत की गई थी मगर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया। जिसके बाद सबने मिलजुल कर स्वयं के बलबूते पर ही चौड़ी रोड का निर्माण कर दिया है। रोड इतनी चौड़ी है कि चार पहिया वाहन आराम से गांव तक पहुंच जाएगा और लोगों को पैदल नहीं चलना पड़ेगा। उन्होंने मंगलिया गांव के युवाओं और महिलाओं के द्वारा छेड़ी गई इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं और युवकों ने एकता की मिसाल समाज के आगे पेश की है। वाकई, मंगलिया गांव के युवकों और महिलाओं के द्वारा छेड़ी गई गांव को आबाद करने की यह मुहिम बेहद सराहनीय है।